बिहार वासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. बिहार में पहला एक्सप्रेस वे बनने की मंजूरी मिल गई है. ये एक्सप्रेस वे 271 किमी लंबा होगा. इसे नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर के नाम से भी जाना जाएगा. दक्षिण बिहार के अंतिम छोर से उत्तर बिहार के नेपाल सीमा तक जाएगा. यानि औरंगाबाद से मिथिला के जयनगर तक बनेगा।
6 जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस-वे
ये सड़क पटना सहित सूबे के 6 जिलों से होकर गुजरेगी। इस सड़क से पटना का गया और दरभंगा एयरपोर्ट से सीधा संपर्क हो जाएगा। साथ ही इसका संपर्क जीटी रोड से भी हो जाएगा। सड़क बनाने का जिम्मा NHAI को दिया गया है। 271 किलोमीटर लंबी यह सड़क औरंगाबाद से शुरू होकर जहानाबाद होते हुए कच्ची दरगाह पहुंचेगी। वहां से कच्ची दरगाह बिदुपुर के बीच बन रहे पुल के माध्यम से ये वैशाली में प्रवेश करेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पुल को ताजपुर तक जोड़ने को कहा है। ऐसे में इसकी उपयोगिता और बढ़ जाएगी। वैशाली से समस्तीपुर व दरभंगा होते हुए नेपाल सीमा पर जाकर जयनगर में यह सड़क खत्म होगी। इस तरह फोरलेन बनने वाली यह सड़क पटना के अलावा औरंगाबाद, जहानाबाद, वैशाली व मधुबनी से होकर गुजरेगी।
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औरंगाबाद से जयनगर बनेगा Express-way
नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर के नाम से शुरू होने वाला ये एक्सप्रेस वे औरंगाबाद से जयनगर तक जाएगी. जो 271 किलोमीटर लंबी होगी. ये औरंगाबाद के मदनपुर से शुरू होने वाली ये फोरलेन सड़क गया एयरपोर्ट के बगल से होते हुए जीटी रोड को भी संपर्कता प्रदान करेगी। गया से ये जहानाबाद और नालंदा के बॉर्डर से गुजरते हुए पटना में कच्ची दरगाह में आएगी। यहां से बिदुपुर के बीच बन रहे 6 लेन पुल से चकसिकंदर, महुआ के पूरब होते हुए ताजपुर जाएगी। वहां से दरभंगा एयरपोर्ट के समीप से गुजरते हुए जयनगर में समाप्त होगी।
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80 फीसदी नई सड़क
बिहार का पहला एक्सप्रेस-वे औरंगाबाद-जयनगर सड़क ग्रीन फील्ड होगी। भारतमाला योजना के तहत बनने वाली इस सड़क में 80 फीसदी ग्रीन फील्ड रखा गया है। ग्रीन फील्ड का अर्थ है कि इस कॉरिडोर में 80 फीसदी नई सड़क होगी।
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बिहार का पहला एक्सप्रेस-वे 80% ग्रीन फील्ड होगा
बिहार का पहला एक्सप्रेस-वे औरंगाबाद-जयनगर सड़क ग्रीन फील्ड होगा। भारतमाला योजना के तहत बनने वाली इस सड़क में 80 फीसदी ग्रीन फील्ड रखा गया है। ग्रीन फील्ड का अर्थ है कि इस कॉरिडोर में 80 फीसदी नई सड़क होगी। एनएचएआई की भू-अर्जन समिति की बैठक में औरंगाबाद-जयनगर तक बनने वाली सड़क का प्रस्ताव रखा गया। समिति ने फिलहाल औरंगाबाद से दरभंगा तक के लिए इस सड़क की मंजूरी दी है। यह परियोजना औरंगाबाद से दरभंगा तक के लिए ही थी जो बाद में विस्तारित हुई है। इसलिए इसकी मंजूरी दो चरणों में दी जाएगी।
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दक्षिण बिहार सीधे नेपाल से जुड़ जाएगा
यह सड़क बिहार के लिए नार्थ-साउथ कॉरिडोर का काम करेगी। इस सड़क के बनने से दक्षिण बिहार सीधे नेपाल से जुड़ जाएगा। ट्रकों के लिए यह सबसे उपयोगी सड़क होगी। खासकर बिहार से नेपाल के बीच सामान की आवाजाही और आसान हो जाएगी। इस सड़क का एलाइनमेंट ऐसा रखा गया है कि कम से कम जमीन अधिग्रहण की जरूरत होगी। इसके लिए पहले से बनी ग्रामीण सड़कों का भी उपयोग किया जाएगा।