सब पर भारी एक बिहारी.. ये कहावत एक बार फिर चरितार्थ हुआ है। बिहार की एक बेटी केरल में टॉप की है . वो भी 100 में 100 नंबर लाई है. ये कारनामा कर दिखाया है बिहार की बेटी रोमिया कथुर ने. जिन्होंने चार महीने की बेटी को लेकर परीक्षा दिया और भी पूरे केरल में टॉप कर गई.
6 साल पहले केरल गई थी कथुर
बिहार के एक गांव से रोजगार की तलाश में रोमिया कथुर 6 साल पहले पति सैफुल्लाह के साथ केरल गई थी। रोमिया कथुर तीन बच्चों की मां है और वो वहां जूस की दुकान चलाती हैं .
चार महीने की बेटी को लेकर परीक्षा दिया
रोमिया कथुर पिछले महीने अपनी चार महीने की बेटी तमन्ना को साथ लेकर स्थानीय उच्च माध्यमिक स्कूल में परीक्षा दी थी। पूरे राज्य में 19 जनवरी को आयोजित ‘चांगति’ योजना के दूसरे चरण में कुल 1998 प्रवासी मजदूरों ने भाग लिया था। जिसमें कथुर ने टॉप किया है.
क्या है चांगति योजना
चांगति (दोस्त) योजना का मकसद केरल में रहने वाले प्रवासी मजदूरों को चार महीने के भीतर मलयाली भाषा सिखाना है। अधिकारियों ने बताया कि प्रवासी मजदूरों के गढ़ एर्नाकुलम जिले में इसकी शुरुआत हुई थी।
उमायानल्लूर में रहता है परिवार
रोमिया का परिवार दक्षिणी कोल्लम जिले के उमायानल्लूर में रहता था। 19 जनवरी को केरल राज्य साक्षरता मिशन ने प्रवासी श्रमिकों के लिए मलयालम भाषा की ये परीक्षा आयोजित की थी।जिसमें रोमिया ने 100 में 100 अंक हासिल किए।
योजना 2017 में शुरू हुई थी
साक्षरता मिशन के अधिकारियों के मुताबिक, योजना की शुरुआत 15 अगस्त 2017 को एर्नाकुलम जिले के पेरंबुवूर में हुई थी, जहां बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर हैं। ‘चांगति’ योजना के दो चरणों में करीब 3700 प्रवासियों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है। मिशन की डायरेक्टर पीएस श्रीकला ने रोमिया के घर जाकर बधाई दी। काथुर ने बताया, चांगति योजना के लिए तैयार की गई ‘हमारी मलयालम’नाम की किताब रोजमर्रा के कामों में भी मददगार है।