बिहार में प्रचंड गर्मी पड़ रही है. गया में अप्रैल का पिछले नौ वर्ष का रिकॉर्ड टूट गया। गया का तापमान अधिकतम 44.3 डिग्री पर पहुंच गया। पटना में बुधवार को तापमान 41.2 डिग्री रहा। इससे पहले गया का तापमान वर्ष 2010 में 45.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा था। इसके बाद अबतक तापमान 43 डिग्री के नीचे ही रहा था। मौसम विभाग ने आज गया में हीट वेव चलने को लेकर अलर्ट जारी किया है।
क्या होता है हीट वेव
जब अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान में अंतर कम जाता है. यानि अधिकतम तापमान 42 डिग्री और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री हो तो वैसी स्थिति में हीट वेव चलता है. इसमें लोगों को लू लगने की संभावना बढ़ जाती है.
कूलिंग करना बंद कर देता है बॉडी
हमारे शरीर का तापमान हमेशा 37 डिग्री सेल्सियस होता है। इस तापमान पर ही हमारे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम कर पाते हैं। पसीने के रूप में पानी बाहर निकलकर शरीर 37 डिग्री सेल्सियस तापमान बनाये रखता है। जब बाहर का तापमान 45 डिग्री के पार हो जाता है और शरीर की कूलिंग व्यवस्था ठप हो जाती है, तब शरीर का तापमान 37 डिग्री से ऊपर जाने लगता है। शरीर का तापमान जब 42सेल्सियस तक पहुँच जाता है। ऐसी स्थिति में रक्त गरम होने लगता है और रक्त में मौजूद प्रोटीन पकने लगता है। इससे स्नायु कड़क होने लगती है। इस दौरान सांस लेने के लिए जरूरी स्नायु भी काम करना बंद कर देती है। शरीर का पानी कम हो जाने से रक्त गाढ़ा होने लगता है और ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) निम्न हो जाता है। इससे शरीर का महत्वपूर्ण अंग ब्रेन तक ब्लड सप्लाई होना रुक जाता है। व्यक्ति कोमा में चला जाता है और शरीर के एक-एक अंग कुछ ही क्षणों में काम करना बंद कर देते हैं .
क्या कहते हैं डॉक्टर
डॉ. जमील अख्तर बताते हैं कि एक बिना प्रयोग की हुई मोमबत्ती को कमरे से बाहर या खुले मे रखें। यदि मोमबत्ती पिघल जाती है तो स्थिति गंभीर समझिये। इनदिनों बच्चों के साथ वृद्धों पर खास नजर रखने की जरूरत पड़ती है। पावापुरी मेडिकल कॉलेज के अध्यापक डॉ. लक्ष्मण प्रसाद का कहना है कि लू से बचने के लिए सतर्कता बहुत जरूरी है। लू से बचने के लिए लगातार थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहना चाहिए। शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस बनाये रखने के लिए विशेष ध्यान देना चाहिए। दोपहर 12 से 3 बजे के बीच खुली धूप में न निकलें।
क्या क्या करें क्या न करें
लू से बचने के लिए विशेष कर घर या ऑफिस के अंदर रहें। तापमान 43 डिग्री के आसपास विचलन की अवस्था में रहेगा। यह परिवर्तन शरीर मे निर्जलीकरण और सूर्यातप की स्थिति उत्पन्न कर देगा। ऐसे में शरीर में पानी की कमी न होने दें। किसी भी अवस्था में दिनभर में कम से कम 3 लीटर पानी जरूर पियें। किडनी की बीमारी वाले प्रति दिन कम से कम 6 से 8 लीटर पानी जरूर लें। ब्लड प्रेशर पर नजर रखें। किसी को भी हीट स्ट्रोक हो सकता है। ठंडा पानी से नहाएं। इन दिनों मांस का प्रयोग न करें या कम से कम करें। फल व सब्जियों को भोजन मे ज्यादा स्थान दें। हीट वेब कोई मजाक नहीं है। शयन कक्ष व अन्य कमरों में आधे पानी से भरे 2 पात्रों में जल रखें। पात्र ऊपर से खुले हों। इससे कमरे की नमी बरकरार रखी जा सकती है। अपने होठों व आँखों को नम बनाये रखें।