उत्तर प्रदेश में कहर बरपाने के बाद जानलेवा वायरल बुखार अब बिहार पहुंच चुका है। बिहार के कई जिलों में बड़ी संख्या में बच्चों को बीमार कर रहा है। जिससे स्वास्थ्य महकमे के हाथ पांव फूल गए हैं । इस बीमारी से यूपी में पिछले एक हफ्ते में 50 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है । जबकि सैंकड़ों बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं।
उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिले जैसे गोपालगंज, छपरा और सीवान जिलों में बड़ी संख्या में बच्चे बीमार पड़ रहे हैं । खास बात ये है कि इस बीमारी की चपेट में छोटे बच्चे यानि जिनकी उम्र 14 वर्ष से कम है उन्हें अपना शिकार बनाता है ।
ये जानलेवा बुखार उत्तर प्रदेश में कहर बनकर टूट रहा है। देवरिया, बलिया समेत पश्चिमी यूपी के जिले में अब तक 50 से ज्यादा बच्चों की इससे मौत हो चुकी है । हालात को दखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है।
यूपी से सटे जिलों में वायरल बुखार, सर्दी- खांसी इत्यादि के बढ़ने की शिकायत मिलने पर जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही जरूरत पड़ने पर पटना से विशेषज्ञों की टीम प्रभावित जिलों में भेजी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बिहार में अब तक किसी की मौत नहीं हुई है।
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वहीं, गोपालगंज में ऑक्सीजनयुक्त पंद्रह बेड का स्पेशल वार्ड बनाया गया है। वहीं, सीवान के ज्यादातर बच्चों को गोरखपुर रेफर किया जा रहा है। इलाके में लोग कोराना की तीसरी लहर की आशंका से भी भयभीत हैं।
छपरा में कोरोना संक्रमण के दौरान शिशु विभाग में 5 से 6 मरीज ही पहुंचते थे। अब 60 से 70 बच्चे इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। अनुमंडल अस्पताल, हथुआ के ओपीडी में प्रतिदिन औसतन 40 मरीज बुखार, सर्दी-जुकाम के आ रहे हैं। इनमें बच्चों की संख्या करीब 20 रह रही है।
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बीमार बच्चों में दिख रहे ये लक्षण
– हाई फीवर के साथ शरीर में ऐंठन
– जुकाम व खांसी के साथ लूज मोशन
– बदन पर लाल चकत्ता
– सांस लेने में समस्या व बेहोशी आना
– उल्टी के साथ बहुत कमजोरी महसूस होना
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डॉक्टरों की सलाह
वायरल रोगों से बचाने के लिए भी बच्चों को मास्क पहनाएं। बाहर का खाना खिलाने से परहेज करें। शुद्ध पेयजल का इस्तेमाल जरूरी है। घर के आसपास साफ-सफाई रखें, कूलर व गमले आदि का पानी रोज बदलें। जलजमाव वाले इलाके में दिन में हमेशा फुल बांह के कपड़े पहनें। तले-भुने व गरिष्ठ भोजन से परहेज करें और फ्रिज का पानी पीने व खाद्य पदार्थों के सेवन से यथासंभव बचें।