सहारा इंडिया के निवेशकों का पैसा डूबने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है । अदालत ने सहारा इंडिया के चेयरमैन सुब्रत राय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट में उनकी सशरीर पेशी होनी थी, लेकिन, वह कोर्ट में नहीं पहुंचे। इस बात से नाराज होकर पटना हाई कोर्ट ने बिहार, दिल्ली और उत्तरप्रदेश के डीजीपी को सुब्रत राय को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट की तरफ से साफ़ कर दिया गया था कि अगर वह नहीं आए तो फिर उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जाएगा। इसके बावजूद सुब्रत राय पटना नहीं आए। अब कोर्ट ने सहारा के चेयरमैन के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया है।
न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकल पीठ ने 27 अप्रैल को पिछली सुनवाई के दौरान उन्हें 11 मई को शारीरिक रूप से हाई कोर्ट के समक्ष पेश होने और यह बताने का निर्देश दिया था कि वह निवेशकों का पैसा कैसे लौटा सकते हैं। चूंकि कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए जिसके बाद गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है ।
पटना हाईकोर्ट ने 27 अप्रैल को सुनवाई के दौरान सहारा इंडिया के वकील उमेश प्रसाद सिंह से कहा था कि सहारा इंडिया बिहार के निवेशकों का पैसा कैसे लौटाएगी, इस पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करें। जवाब में सिंह ने निवेशकों की राशि वापस करने के लिए कुछ वैकल्पिक तरीके बताए थे, लेकिन न्यायमूर्ति संदीप कुमार ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई।
उन्होंने वकील से द्दढ़ता से कहा कि अदालत सुब्रत रॉय के और बहाने बर्दाश्त नहीं करेगी। वर्तमान में, सहारा इंडिया की कथित धोखाधड़ी से संबंधित 2000 से अधिक मामले पटना हाई कोर्ट में दायर किए गए हैं। हालांकि ठगे गए लोगों की वास्तविक संख्या लाखों में है। इनमें से कई की पहले ही मौत हो चुकी है।
गौरतलब है कि कंपनी पर कई लोगों ने विश्वास किया था। अलग-अलग स्कीम पर निवेश के नाम पर उपभोक्ताओं ने लाखों करोड़ों रुपये जमा किए थे। जब समय पूरा हुआ तो उपभोक्ताओं को उनके पैसे नहीं मिले। इसके बाद 2,000 से अधिक लोगों ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर करवाई थी। लेकिन ये पैसे अब तक सहारा के पास ही फंसे हुए हैं।