बिहार में गांव सरकार की परिकल्पना को मूर्तरूप देने के लिए मुखिया, पंचायत समिति और जिला परिषद के बीच कामों का बंटवारा हो गया है ।
मुखिया के काम
पंचायतों में मुखिया के स्तर से विकास से जुड़े कई काम होंगे। अनटायड मद में कुल राशि की 40 प्रतिशत राशि सोलर स्ट्रीट लाइट, खेल का मैदान, उद्यान में खुले जिम की व्यवस्था, आंगनबाड़ी केंद्रों में सुविधाओं का विकास, शवदाह गृह और विद्युत शवदाह गृह, बस स्टैंड, ऑटो स्टैंड, यात्री शेड का निर्माण, सामुदायिक भवन का निर्माण होगा। टायड मद से 30 प्रतिशत राशि से स्वच्छता एवं खुले में शौचमुक्त के सतत रखरखाव किया जाएगा। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छता के लिए गलियों का पक्कीकरण और नाले का निर्माण किया जाएगा। टायड मद से 30 प्रतिशत और राशि पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन व वाटर रिसाइक्लिंग, मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना को पूरा करने और इसके रखरखाव करने, सार्वजनिक कुआं के जीर्णोद्धार और छठ घाटों का निर्माण होगा।
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पंचायत समिति के काम
पंचायत समिति सदस्य के माध्यम से अनटायड मद से पंचायत समिति में आधारभूत ढांचे में वृद्धि की जाएगी। खेल के मैदान का निर्माण होगा। उद्यान और खुले जिम की व्यवस्था होगी। शवदाह गृह व विद्युत शवदाह गृह का निर्माण होगा। टायड मद से ठोस एवं तरल अपशिष्ट का प्रबंधन, सामुदायिक शौचालय का निर्माण व देखभाल, गलियों का पक्क्ीकरण व नालों का निर्माण होगा। अन्य टायड मद से सिंचाई क्षमता में वृद्धि के लिए चेक डैम, आहर, पाइन का निर्माण, जल संसाधन विभाग व लघु जल संसाधन विभाग से समन्वय कर नदी के पुरानी धार का पुर्नस्थापन कार्य किया जाएगा। एक से तीन हेक्टेयर के जल संग्रहण क्षेत्रों का जीर्णोद्धार व निर्माण, छठ घाटों का निर्माण किया जाएगा।
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जिला परिषद से होगा काम
जिला परिषद की भूमि का सीमांकन और चहारदीवारी का निर्माण, जिला परिषद अस्पताल में आधारभूत ढांचा की वृद्धि, सैरातों का विकास, आयोत्पादक परिसंपत्तियों का निर्माण, शवदाह गृह व विद्युत शवदाह गृह का निर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में बस स्टैंड, आटो स्टैंड, यात्री शेड का निर्माण अनटायड मद से किया जाएगा। टायड मद से ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, सामुदायिक शौचालय का निर्माण व देखभाल किया जाएगा। सिंचाई क्षमता वृद्धि के लिए चेक डैम, आहर, पाइन का निर्माण, जल संसाधन विभाग व लघु जल संसाधन विभाग से समन्वय कर नदी के पुरानी धार का पुर्नस्थापन कार्य, पक्की नाली के रास्ते हर खेत तक सिंचाई का पानी उपलब्ध कराए जाने के लिए नाला का निर्माण, एक से पांच हेक्टेयर तक के जल संग्रहण क्षेत्रों का जीर्णोद्धार व निर्माण किया जाएगा।