बच्चों का भविष्य संवारने वाले मास्टर साहब ही परीक्षा में फेल हो गए। नालंदा जिला के 8 टीचर तीसरी बार दक्षता परीक्षा में फेल गए हैं । हालांकि शिक्षा विभाग का कहना है कि दक्षता परीक्षा में फेल होने वाले शिक्षक फिलहाल बच्चों को ज्ञान देते रहेंगे।
छह माह की ट्रेनिंग मिलेगी
शिक्षा विभाग का कहना है कि जो शिक्षक दक्षता परीक्षा में फेल हुए हैं । उन्हें छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ऐसे शिक्षकों के लिए राज्य शिक्षा,शोध एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा प्रशिक्षण माड्यूल तैयार किया गया है। ट्रेनिंग के बाद उन्हें फिर प्रारंभिक शिक्षक दक्षता परीक्षा देनी होगी। इसके बाद ही वे ट्रेंड शिक्षक की श्रेणी में शामिल होंगे।
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बाकी जिलों की हालत और खराब
बाकी जिलों की हालत कुछ ज्यादा ही खराब है. नालंदा जिला में दक्षता परीक्षा में 8 टीचर फेल हुए हैं। जबकि पूरे बिहार राज्य में इसकी संख्या 722 है। मतलब अगर इन 722 गुरूजी को ट्रेंड टीचर का वेतन चाहिए तो इन्हें दक्षता परीक्षा पास करना होगा ।
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नालंदा जिला में कौन कौन फेल
नालंदा जिला में तीसरी बार दक्षता परीक्षा में जो 8 टीचर फेल हुए हैं। उसमें अकलगंज की सुनैना सिन्हा,गाजीपुर की कुमारी सुनीता सिन्हा,बेढ़ना स्कूल की बबीता कुमारी, सदरपुर की सुनीता कुमारी, मेयार की किरण कुमारी, मोहिउद्दीननगर की प्रमिला देवी, कटौना की प्रभावति देवी और दाहाबिगहा की वीणा देवी शामिल हैं।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने क्या कहा
नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी केशव प्रसाद का कहना है कि शिक्षकों को दक्षता परीक्षा में हर हाल में पास होना होगा। तभी ट्रेंड वेतन दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें फिर से छह महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा इसके बाद उन्हें फिर प्रारंभिक शिक्षक मूल्यांकन (दक्षता) परीक्षा देनी होगी। पास होने के बाद ही वे ट्रेंड टीचर कहलाएंगे।