BPSC पेपर लीक मामले में EOU ने रविवार को फिर 4 आरोपियों को अरेस्ट किया है। इन पर पेपर भेजने का आरोप है। इसमें गिरफ्तार 4 लोगों में पहला नाम कृष्ण मोहन सिंह का है। वैशाली के राजापाकड़ का रहने वाला 41 साल का यह व्यक्ति इसी जिले के देसरी हाई स्कूल में सरकारी टीचर है। पटना के भूतनाथ रोड स्थित हाउसिंग कॉलोनी में इसका ठिकाना भी है।
कृष्ण मोहन सिंह वही है, जिसने पंचायती राज के सचिव रंजीत कुमार सिंह के मोबाइल पर लीक हुआ क्वेश्चन पेपर भेजा था। यह बात पूरी तरह से स्पष्ट हो गई है। इसके बारे में IAS अधिकारी ने ही EOU की टीम को जानकारी दी थी। फिर पड़ताल करते हुए टीम इस सरकारी टीचर तक पहुंची। बता दें, कृष्ण मोहन IAS का नजदीकी दोस्त है।
अब सवाल यह है कि इस टीचर के पास लीक हुआ C सेट का पेपर एग्जाम शुरू होने से पहले कहां से आया था? इस खेल में इसकी भूमिका क्या है? कब से यह इस शातिराने और अवैध कमाई के खेल में शामिल है?
इस मामले में पकड़े गए दूसरे व्यक्ति का नाम राजेश कुमार है। 39 साल का राजेश भागलपुर के सजौर थाना के तहत जगरनथापुर का रहने वाला है। वर्तमान में पटना के शास्त्री नगर के तहत पूर्वी पटेल नगर के रोड नंबर 6 में जितेंद्र सिंह के मकान में किराए पर रहता है।
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गिरफ्तार किए गए तीसरे व्यक्ति का नाम निशिकांत कुमार राय (33) है। यह सीवान में गोरियाकोठी के दुधरा का रहने वाला है। वर्तमान में पटना में जगदेव पथ स्थित एक प्राइवेट मकान में रहता है। पकड़े गए चौथे व्यक्ति का नाम है सुधीर कुमार। ये औरंगाबाद जिले में अम्बा थाना के झखरी का रहने वाला है।
NIT का स्टूडेंट निकला मेन सरगना
ADG नैयर हसनैन खान के अनुसार, गिरफ्तार हर व्यक्ति से पूछताछ की गई। इसमें राजेश की निशानदेही पर पटना में कदमकुआं के लोहानीपुर में SP सुशील कुमार की अगुवाई में टीम ने छापेमारी की। वहां जाने पर कंट्रोल रूम का पता चला। इसे शातिरों के इस गैंग ने बना रखा था। यहीं से पेपर चोरी और लीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला मॉर्डन इक्युप्मेंट्स मिला। बड़ी बात यह है कि इस गैंग का मेन सरगना पटना NIT का स्नातक आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव निकला। इसने इंजीनियरिंग की डिग्री भी ले रखी है।
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हत्याकांड का भी है आरोपी
2015 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए टीचर घोटाले मामले में आनंद गौरव गिरफ्तार हुआ था। वहां से जेल गया था। 2020 में बिहार के ही मुंगेर जिले में हुए एक हत्याकांड का भी यह मुख्य अभियुक्त है। EOU का दावा है कि आनंद के साथ ही इसके गैंग से जुड़े सभी सदस्यों की पहचान हो चुकी है। उनकी गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई चल रही है।
पूछताछ में राजेश ने खुलासा किया कि लोहानीपुर के इस ठिकाने को आनंद ने ही किराए पर ले रखा था। यहीं वो रहता भी था। फिलहाल आनंद फरार है। इसके ठिकाने से ही 2.92 लाख रुपए कैश तो मिला ही। इसके नाम से 6 बैंक अकाउंट के पासबुक मिले। इसमें करीब 12 लाख रुपए जमा है। इसे फ्रीज कर दिया गया है। इस कांड की साजिश कब रची गई? इस प्वाइंट के साथ-साथ EOU की टीम मनी ट्रेल के प्वाइंट पर भी जांच कर रही है।
आनंद के ठिकाने से मिला सामान
कैश 2.92 लाख
ICICI बैंक के 6 अकाउंट के पासबुक
डेल का एक लैपटॉप
डिवाइस के साथ 2 पीस ब्लूटूथ इयर फोन
152 पीस GPS डिवाइस
एक पीस पेन कैमरा
वॉकी टॉकी के बने हुए 7 डिवाइस, 4 सेट और इसके 46 चार्जर
एक पीस मेटल डिटेक्टर
10 पीस GPS बैटरी
एक पीस हीट सिल मशीन
एक पीस स्मॉल टूल कीट
एक पीस हीट गन
एक पीस प्रींट कार्टीज
5 पीस सोल्डरिंग डिवाइस
एग्जाम के दौरान इस्तेमाल किया जाने वाला 47 स्पाइ GPS डिवाइस
11 पीस USB केबल कनेक्टर
1 पीस मैजरमेंट टेप
एक पीस ग्लू इलेक्ट्रिक गन
राजेश के ठिकाने पर भी हुई थी छापेमारी
एक पीस लैपटॉप
5 पीस पेन ड्राइव
16 पीस ईयर पीस
वोडाफोन का 20 पीस सीमकार्ड
यूनिनार का 2 सीमकार्ड
एयरसेल का 9 पीस सीमकार्ड
BSNL का एक सीमकार्ड
एक पीस प्रिंटर
दो बैंक अकाउंट का पासबुक