हैदराबाद के अनुदीप डुरीशेट्टी ने इस बार आईएएस टॉप किया है । संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2017 में अनुदीप को पहला स्थान प्राप्त हुआ है । अनुदीप तेलंगाना के जगतियाल जिले के मेटपल्ली कस्बे के रहने वाले हैं। अनुदीप अपनी सफलता का श्रेय अपने पापा को देते हैं। आईएएस एग्जाम में टॉप करने के बाद अनुदीप ने कहा कि वो बहुत ख़ुश हैं । उन्होंने कहा कि जिन्होंने साथ देने के लिए अपने परिजनों, दोस्तों और अध्यापकों को शुक्रिया कहा । अनुदीप का कहना है कि आज वो जहां हैं वो सिर्फ अपनी मेहनत के दम पर हैं । उन्होंने कहा कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं है ।
“मेरे पापा मेरे रोल मॉडल”
सिविल सेवा परीक्षा में टॉप करने वाले अनुदीप अपनी कामयाबी का श्रेय अपने पापा को देते हैं। उन्होंने अपने पिता को अपना रोल मॉडल बताया। अनुदीप ने कहा कि हमने पापा से सिखा कि .. हम जो भी करें, चाहें परीक्षा दे रहे हों या कोई खेल खेल रहे हों, हमारा लक्ष्य हमेशा उत्कृष्टता हासिल करना होना चाहिए और मैंने परीक्षा की तैयारी में भी इसे लागू किया । मैंने जीवन में हमेशा उन जैसा बनना चाहा । अनुदीप का कहना है कि हमारे प्रेरणास्रोत हमारे इर्द-गिर्द ही होते हैं बस हमें उन्हें पहचानने की जरूरत है
” अब्राहम लिंकन मेरे प्रेरणास्रोत”
अनुदीप को इतिहास पढ़ने का शौक़ है । वो अमरीका के राष्ट्रपति रहे महान नेता अब्राहम लिंकन के व्यक्तित्व से सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं । उन्होंने कहा कि अब्राहम लिंकन हमेशा से मेरी प्रेरणा का स्रोत रहे हैं वो एक महान नेता का उदाहरण हैं. बेहद मुश्किल हालातों में चुनौतियों का सामना करते हुए उन्होंने अपने देश का नेतृत्व किया. मैं हमेशा उनसे प्रेरणा लेता हूं
“क्या पढ़ रहे हैं ये ज्यादा जरूरी”
सिविल सेवा परीक्षा की तैयारियों के बारे में अनुदीप का कहना है कि ये बेहद मुश्किल परीक्षा होती है क्योंकि बहुत से क़ाबिल लोग इसके लिए तैयारी करते हैं । आज भी बहुत से क़ाबिल लोगों का नाम चुने गए उम्मीदवारों की सूची में है। आप कितने घंटे पढ़ रहे हैं इससे ज़्यादा महत्वपूर्ण ये है कि आप क्या पढ़ रहे हैं और कैसे पढ़ रहे हैं
2013 में भी सिविल सेवा में चयन हुआ था
साल 2013 में भी सिविल सेवा परीक्षा में अनुदीप का सलेक्शन हुआ था । उनका चयन भारतीय राजस्व सेवा के लिए हुआ था । अभी वो हैदराबाद में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर तैनात हैं और नौकरी करते हुए तैयारी कर रहे थे । अनुदीप का कहना है कि वीकली ऑफ के अलावा जब भी उन्हें समय मिलता था उसी में वो तैयारी करते थे । उनका मानना है कि पढ़ाई की गुणवत्ता और एकाग्रता मायने रखती है। हमेशा सर्वश्रेष्ठ के लिए कोशिश करनी चाहिए। सिर्फ़ मेहनत और उत्कृष्टता के लिए प्रयास ही मायने रखता है और नतीजा अपने आप आ जाता है
“पढ़ाई और फुटबॉल मेरी हॉबी”
अनुदीप को पढ़ने का शौक है लेकिन फुटबॉल में भी उनकी गहरी दिलचस्पी है। वे बचपन से ही फुटबॉल खेलते हैं और फुटबॉल के मैच देखते हैं । अनुदीप का कहना है कि फुटबॉल उनके जीवन का हमेशा से अहम हिस्सा रहा है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि जब भी उन्हें तनाव होता है तो वे इसे दूर करने के लिए फुटबॉल खेलते हैं । इसके अलावा अनुदीप को पढ़ने का बहुत शौक है । उनका कहना है कि वो फ़िक्शन (काल्पनिक कहानियां) ज़्यादा नहीं पढ़ते बल्कि असल विषयों पर किताबें ज्यादा पढ़ते हैं
“शौक बड़े काम की चीज है”
आईएएस टॉपर अनुदीप का कहना है कि हर व्यक्ति को कुछ शौक रखना चाहिए वही उसे इंसान बनाते हैं । अनुदीप के मुताबिक जब भी उनको खाली समय मिलता है वो या तो खेलते हैं, या पढ़ते हैं । उनका कहना है कि सभी को अपने शौक़ रखने चाहिए. ये न सिर्फ़ तनाव से दूर रखते हैं बल्कि हमारे चरित्र का निर्माण भी करते हैं और हमें इंसान बनाते हैं।
टेक्नोक्रेट से ब्यूरोक्रेट बने
अनुदीप ने बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉल्जी एंड साइंसेज, पिलानी (बिट्स पिलानी) से इलेक्टॉनिक्स एंड इंस्ट्रुमेंटशन में ग्रेजुएशन किया है। अभी वो भारतीय राजस्व सेवा में असिस्टेंट कमिश्नर पद पर तैनात हैं।
“रिजल्ट सुनकर रो पड़ीं मां”
सिविल सेवा परीक्षा में अनुदीप के टॉप करने की खबर जैसे ही परिजनों को मिली । सब खुशी से उछल पड़े । अनुदीप ने कहा कि ये ख़बर सुनने के बाद उनकी मां की आंखों से आंसू बहने लगे । तो वहीं उनके पिता यक़ीन ही नहीं कर पा रहे थे । उन्होंने इसे बेहद ख़ुशी का पल बताया ।
” शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहूंगा”
अनुदीप का कहना है कि उन्हें जो भी काम दिया जाएगा वो करेंगे । लेकिन वो वो शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहेंगे। उनका कहना कि हमें शिक्षा के क्षेत्र में और आगे बढ़ने की ज़रूरत है। दुनिया के विकसित देश जैसे स्कैन्डिनेवियन देशों में सबसे ज़्यादा ज़ोर शिक्षा पर ही है और मज़बूत शिक्षा व्यवस्था ही उनके विकास की जड़ है। अगर हमें नया भारत बनाना है तो अपनी शिक्षा व्यवस्था को सुधारना होगा। हम इस दिशा में काम कर रहे हैं और आगे भी काम करने की ज़रूरत है. मैं अपने विकास की यात्रा में छोटी ही सही लेकिन कोई भूमिका निभाना चाहता हूं।
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