बिहार में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाना है । इसकी घोषणा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही कर चुके हैं । यानि बिहार के नियोजित शिक्षकों को भी वैसे ही टीचर का दर्जा दिया जाना है जैसे बिहार लोकसेवा आयोजित द्वारा चयनित किए शिक्षकों को मिला है ।
3 बार मिलेगा मौका
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने को लेकर टर्म एंड कंडीशन लगा दिया है.. उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने के लिए तीन बार चांस मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई नियोजित शिक्षक समक्षता परीक्षा में तीन बार फेल हो जाते हैं या परीक्षा में शामिल नहीं होते हैं तो इसके लिए अलग से विचार किया जाएगा कि उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए या नहीं.. इसके लिए कमेटी का गठन किया गया है ।
कमेटी में कौन कौन
केके पाठक ने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए जिस कमेटी का गठन किया है । उस कमेटी में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव अध्यक्ष होंगे । यानि केके पाठक की अध्यक्षता में ये कमेटी काम करेगी । इसके अलावा 4 सदस्य भी कमेटी में रहेंगे। जिसमें बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षा विभाग के निदेशक, माध्यमिक शिक्षा के निदेशक,राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक इसके सदस्य होंगे ।
नोटिस में क्या कहा गया है ?
शिक्षा विभाग की तरफ से जो अधिसूचना जारी हुआ है । उसमें लिखा गया है कि बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 के नियम -4 में स्थानीय निकाय शिक्षकों के सक्षमता परीक्षा के संबंध में कमेठी का गठन का प्रावधान है । जिसके नियम-13 के मुताबिक, वैसे शिक्षकों जो सक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं होते हैं अथवा तीसरे प्रयास में भी सक्षमता परीक्षा में फेल हो जाते हैं इसके संबंध में उक्त कमेटी का गठन किया गया है । ये कमेटी एक हफ्ते के भीतर सरकार को अपनी अनुशंसा करेगी ।
कौन होंगे विशिष्ट शिक्षक
बिहार सरकार सूबे के साढ़े तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने जा रही है । इसके लिए नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा में पास करना होगा। जिसके बाद वो नियोजित शिक्षक की जगह विशिष्ट शिक्षक कहलाएंगे औऱ उनका दर्जा बिहार लोकसेवा आयोग द्वारा चयनित शिक्षकों के बराबर हो जाएगा । उसी की तरह से उनका वेतनमान और अन्य दूसरे लाभ मिलेंगे ।
तीन जिलों को ऑप्शन
नियोजित शिक्षक जब विशिष्ट शिक्षक बनने के लिए सक्षमता परीक्षा देंगे उससे पहले उन्हें तीन जिलों का विकल्प मांगा जाएगा. जहां वे अपनी सेवा देना चाहते हैं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का कहना है कि अगर तीनों विकल्प में उनका नाम नहीं आता है तो फिर रेंडमनाइजेश के आधार पर जिला आवंटित किया जाएगा ।