इस साल का स्वतंत्रता दिवस बिहार के नियोजित शिक्षकों के लिए सही मायने में आजादी लेकर आई है. क्योंकि जिसे नियोजित शिक्षक आज तक कलंक मानते आ रहे थे । वो स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हटा दिया जाएगा. साथ ही सरकार कई और तोहफे देने का एलान कर सकती है
शिक्षकों के आगे से ‘नियोजित’ शब्द हटेगा
बिहार में चुनाव से पहले नीतीश सरकार नियोजित शिक्षकों को मनाने में जुट गई है. इसलिए नियोजित शिक्षकों की अधिकतर मांगों को मानने जा रही है. सबसे पहले स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बिहार में ‘नियोजित शिक्षक’ (Contract teacher) शब्द हटाये जाएंगे.
शिक्षक दिवस पर मिलेगा तोहफा
सूत्रों की मानें तो 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के मौके पर सरकार नियोजित शिक्षकों को तोहफा देने जा रही है. यानि सेवा शर्त लागू करने जारी है. जिससे राज्य के पौने चार लाख प्रारम्भिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्कूल के शिक्षक राज्यभर में कहीं भी ऐच्छिक स्थानांतरण करवा सकेंगे. साथ ही सरकार शिक्षकों को ईपीएफ और प्रोन्नति का भी लाभ पहली बार देने जा रही है. वहीं अनुकम्पा के इंतजार में बैठे आश्रितों को भी सरकार बड़ा लाभ देने जा रही है. इसके तहत जो भी टीईटी, बीएड ट्रेंड अभ्यर्थी होंगे उन्हें शिक्षक की नौकरी मिलेगी जबकि अनट्रेंड अभ्यर्थियों को डिग्री के आधार पर क्लर्क और फोर्थ ग्रेड कर्मचारी में बहाली ली जाएगी.
शिक्षकों की समान वेतनमान और सेवा शर्त
आपको बता दें कि नियोजित शिक्षक समान वेतनमान और सेवा शर्त की मांग पिछले कई सालों से करते आ रहे हैं, लेकिन समान वेतनमान मामले में पहले ही सरकार ने बजट का हवाला देते हुए हाथ खड़ा कर दिया था. सेवा शर्त देने के लिए सरकार ने हड़ताल के दौरान शिक्षक संघ के साथ हुई वार्ता में भरोसा दिया था कि लाभ मिलेगा. अब चुनाव नजदीक है ऐसे में कहा जा रहा है कि शिक्षकों के बड़े वोट बैंक को देखते हुए नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लेने का मन बना लिया है.