पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को बड़ा झटका दिया है। पटना हाई कोर्ट ने दारोगा बहाली के मुख्य परीक्षा के रिजल्ट को अवैध करार देते हुए नये सिरे से रिजल्ट निकालने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति शिवाजी पांडेय की एकलपीठ ने रमेश कुमार व अन्य की रिट याचिका की सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया । हाई कोर्ट ने बिहार पुलिस अवर सेवा भर्ती आयोग द्वारा मुख्य परीक्षा के रिजल्ट निकालने की प्रक्रिया को अपारदर्शी और अवैध करार दे दिया। कोर्ट ने नए सिरे से सम्बन्धित नियमों का पालन करते हुए मुख्य परीक्षा का रिजल्ट निकालने का आदेश दिया है ।
हाईकोर्ट ने क्या-क्या आदेश दिए
-प्रश्नपत्र का मॉडल उत्तर पत्र आयोग अपने वेबसाइट पर अपलोड कर मुख्य परीक्षा के अभ्यार्थियों से आपत्ति निमंत्रित करें ।
-आपत्ति आने पर एक्सपर्ट कमिटी गठित कर मॉडल उत्तर पर आधारित आपत्तियों का निराकरण करें ।
-आपत्तियों के निराकरण के बाद मेधावार, आरक्षण नियमों का पालन करते हुए, आयोग नए सिरे से मुख्य परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित करें
-हर आरक्षित केटेगरी का अलग अलग कट ऑफ अंक निर्धारित कर आयोग वेबसाइट पर प्रकाशित करे ।
-महिला उम्मीदवारों को सुप्रीम कोर्ट के फैसलों से तय मानदंड के अनुसार क्षैतीज आरक्षण का लाभ दिया जाए ।
-अगर कोई अभ्यार्थी अपने उत्तर पत्र (ओ एम आर शीट ) की कार्बन कॉपी सूचना के अधिकार के तहत मांग कर तो आयोग आनाकानी नहीं करे ।
आपको बता दें कि कुल 1717 रिक्तियों के लिए पुलिस अवर सेवा आयोग द्वारा 22 जुलाई 2018 को मुख्य परीक्षा ली गयी थी। इसमें 29359 अभ्यार्थी शामिल हुए थे । मुख्य परीक्षा में 10161 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए । करीब 195 अभ्यार्थियों ने रिट याचिका दायर कर बहाली प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी की शिकायत की थी और मुख्य परीक्षा परिणाम को निरस्त की गुहार लगायी थी । 5 सितम्बर 2018 को हाई कोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया के अंतिम रिज़ल्ट पर रोक दी थी ।