नाबालिग से रेप केस में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है । आसाराम को जिंदगी भर जेल में ही रहना होगा । लेकिन आज बात कर रहे हैं आसाराम के पापलोक की । जहां वो लड़कियों का समर्पण कराता था । कैसे वो लड़कियों को फंसाता था ? आसाराम के सम्मोहन में कैसे फंस जाती थी मासूम बच्चियां ?
गुरु पूर्णिमा की रात आसाराम के आश्रम में सत्संग होता था। देर रात तक आसाराम भक्तों से रूबरू होता था और खुद को भगवान का अवतार बता कर भक्तों के बीच घूमता था। लेकिन आसाराम को करीब से जानने वाले बताते हैं कि सत्संग के दौरान उसके मुंह में राम और आंखों में गंदगी होती थी। आसाराम के आश्रम में पाप और कुटिया में महापाप की कहानी जितनी लंबी है..उतनी घिनौनी भी। नाबालिग रेप केस के सामने आने के बाद आसाराम के पूर्व वैद्य अमृत प्रजापति ने आसाराम के बारे में कई सनसनीखेज खुलासे किए थे। जिसके बाद राजकोट में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। प्रजापति ने खुलासा किया था कि आसाराम के निशाने पर 12 से 18 साल की लड़कियां होती थीं । लाखों भक्त अपने बच्चों को आसाराम के आश्रम में भेजकर खुद को धन्य समझते थे। जिस नाबालिग से दुष्कर्म की सजा में आसाराम पूरी जिंदगी जेल में काटेगा। उस नाबालिग ने कहा था कि वो साल 2001 में आसाराम और नारायण साईं से जुड़ी थी। जब वो आश्रम गई तो उनलोगों ने प्रसाद में मिलाकर कुछ ऐसा खिला दिया। जिससे वो सम्मोहित हो गई और अपना घर-बार छोड़ने को मजबूर हो गई।
ऐसे ही हजारों लड़कियां आसाराम के आश्रम में प्रसाद खाने के बाद सम्मोहित हो जाती थीं । इसके बाद उन लड़कियों को बहलाने, फुसलाने और तैयार करके आसाराम की कुटिया तक पहुचाने का काम शुरू होता है। आसाराम के साथ जिस शिल्पी और शरत को 20-20 साल की सजा मिली है, केस की चार्जशीट में दोनों पर ऐसे ही आरोप हैं। आसाराम महिला भक्तों से कहता था कि वो भगवान कृष्ण का रूप है और तुम सारी भक्त गोपियां हो। रात के वक्त आसाराम आश्रम में घूमता था और लड़कियों से टॉर्च से रोशनी करता था। वो जिन लड़कियों पर टॉर्च की रोशनी करता, उसे उसके चेले अपने साथ ले जाते और बहला फुसलाकर आसाराम के सामने परोस देते थे। इसे आसाराम के गुर्गे समर्पण का नाम देते। समर्पण के नाम पर आसाराम लड़कियों का यौन शोषण करता था । 15 अगस्त 2013 की रात आसाराम ने जोधपुर के बाहरी इलाके में मणई की कुटिया में जिस नाबालिग लड़की का यौन शोषण किया…वो उसका समर्पण चाहता था..घटना के बाद उसे अहमदाबाद ले जाना चाहता था। आश्रम में आसाराम के करीब सिंधी महिलाएं होती थीं, जिन्हें मलंग कहा जाता था। ज्यादातर यही महिलाएं कोडवर्ड के जरिए आसाराम तक लड़कियों की सप्लाई करती थी।