
बिहार में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने और काम में लापरवाही बरतने वाले पुलिसवालों को लाइन पर लाने के लिए सूबे के डीजीपी एक्शन में हैं. वे ऐसे थानों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं जहां के पुलिस वालों पर काम में लापरवाही बरतने का आरोप है. ऐसे में वो गुरुवार की सुबह एक थाने पहुंचे और बड़ी कार्रवाई करते हुए पूरे थाने को निलंबित कर दिया.
अफसर से लेकर जवान तक नपे
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे जब थाना का निरीक्षण करने पहुंचे तो उन्हें भारी गड़बड़ी मिली. अधिकतर पुलिसकर्मी ड्यूटी के गायब थे और फाइलों में भी अनियमितताएं मिलीं. इसी आधार पर डीजीपी ने सख्त एक्शन लेते हुए थाना अध्यक्ष प्रमोद शाह समेत सभी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया.

किसी को बताए बिना पहुंच गए डीजीपी
किसी को भनक न लग सके इसलिए डीजीपी ने ये सारी कार्रवाई सिविल ड्रेस में की. बताया जा रहा है कि नौगछिया स्टेशन पर उतरने के बाद टी शर्ट और पायजामे पहने डीजीपी पैदल ही सबसे पहले नौगछिया के टाउन थाना पहुंचे, फिर महिला थाना और एससी-एसटी थाना का उन्होंने निरीक्षण किया.
ड्यूटी से गायब मिले सभी पुलिसकर्मी
इन तीनों ही थाने में स्टेशन डायरी पेंडिंग पाया गया. इसी दौरान जब नौगछिया की एसपी को डीजीपी के आने की जानकारी मिली तो वो भी मौके पर पहुंच गईं. वहां से डीजीपी और एसपी रंगरा थाना गए तो यहां थानाध्यक्ष समेत सभी पुलिसकर्मी ड्यूटी से गायब थे. तब डीजीपी ने एक्शन लेते हुए सस्पेंशन की कार्रवाई की.

एसपी कार्यालय में ली मीटिंग
इसके बाद नौगछिया एसपी और पुलिस जिला के अधिकारियों के साथ डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने बैठक की. इस दौरान डीआईजी विकास वैभव भी उनके साथ मौजूद थे. मीटिंग के बाद डीजीपी ने भागलपुर में एसएसपी कार्यालय में कई मामलों का रिव्यू किया और पुलिस की कार्यशैली में सुधार लाने के आवश्यक निर्देश दिए.