लोकसभा चुनाव के बीच BJP को बहुत झटका.. सुमो ने कह दिया अलविदा

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2024 के रण का चौथा राउंड खत्म हो चुका है.. इस बीच बिहार में बीजेपी को बहुत बड़ा झटका लगा है। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का निधन हो गया है.. 72 साल की उम्र में उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली.. वे गले के कैंसर की वजह से पिछले 6 महीने से बीमार चल रहे थे। 3 महीने पहले गले में दर्द की शिकायत पर जांच कराई तो कैंसर का पता चला था। जिसके बाद दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था।
3 अप्रैल को बीमारी के बारे में बताया था
सुशील मोदी.. अभी राज्यसभा से सांसद थे। इससे पहले वे नीतीश कैबिनेट में डिप्टी सीएम रह चुके हैं और बिहार के वित्त मंत्रालय का जिम्मा भी संभाल चुके हैं । सुशील कुमार मोदी ने अपने कैंसर के बारे में जानकारी करीब 40 दिन पहले ही दी थी.. जब उन्होंने 3 अप्रैल को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कैंस के बारे में लिखा था

सुशील मोदी ने क्या लिखा था
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम ने 3 अप्रैल को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा था कि.. पिछले 6 महीने से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं। अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है। लोकसभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊंगा। प्रधानमंत्री को सब कुछ बता दिया है। देश, बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित।

https://twitter.com/SushilModi/status/1775401127351304514

प्रधानमंत्री ने जताया दुख
सुशील कुमार मोदी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया और सोशल मीडिया हैंडल पर उनकी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि पार्टी में अपने मूल्यवान सहयोगी और दशकों से मेरे मित्र रहे सुशील मोदी जी के असामयिक निधन से अत्यंत दुख हुआ है। बिहार में भाजपा के उत्थान और उसकी सफलताओं के पीछे उनका अमूल्य योगदान रहा है। आपातकाल का पुरजोर विरोध करते हुए, उन्होंने छात्र राजनीति से अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। वे बेहद मेहनती और मिलनसार विधायक के रूप में जाने जाते थे। राजनीति से जुड़े विषयों को लेकर उनकी समझ बहुत गहरी थी। उन्होंने एक प्रशासक के तौर पर भी काफी सराहनीय कार्य किए। जीएसटी पारित होने में उनकी सक्रिय भूमिका सदैव स्मरणीय रहेगी। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति!

 

जेपी के सिपाही थे सुशील मोदी
सुशील मोदी 70 के दशक के जेपी आंदोलन से राजनीति में आए थे। इसके बाद RSS से जुड़े रहे। उनकी छात्र राजनीति की शुरुआत 1971 में हुई थी। साल 1973 में वे पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ के महासचिव बने थे. उस प्रेसिडेंट यानि अध्यक्ष के पद पर लालू प्रसाद यादव जीते थे. मतलब जो लालू जी आज उनके दुश्मन नंबर वन थे .. जो छात्र जीवन में उनके सबसे बड़े शुभचितक रहे थे..  1990 में सुशील ने पटना केन्द्रीय विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचे। साल 2004 में भागलपुर लोकसभा सीट से सांसद भी बने। हालांकि अगले ही साल 2005 में उन्होंने संसद सदस्यता से इस्तीफा दिया और विधान परिषद के लिए निर्वाचित होकर उपमुख्यमंत्री बने। यहीं से नीतीश कुमार के साथ उनका साथ शुरू हुआ।

2005 से डिप्टी सीएम रहे
साल 2005 के बिहार चुनाव में NDA सत्ता में आई और सुशील मोदी को बिहार बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया। इसके बाद सुशील मोदी 2005 से 2013 और 2017 से 2020 तक बिहार के वित्त मंत्री रहे और इस दौरान वो मुख्यमंत्री नीतीश के डिप्टी भी रहे .. यानि एनडीए में सीएम नीतीश के बाद सेकंड बड़े नेता सुशील मोदी ही थे.

सम्राट चौधरी ने बड़ी क्षति बताया
सुशील कुमार मोदी के निधन पर बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने दुख जताया.. सम्राट चौधरी ने अपने X अकाउंट पर लिखा.. बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व पूर्व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी जी के निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि। यह बिहार भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति है।

विजय कुमार सिन्हा ने क्या लिखा
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने X पर लिखा, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी अब हमारे बीच नहीं रहे। पूरे भाजपा संगठन परिवार के साथ-साथ मेरे जैसे असंख्य कार्यकताओं के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है। अपने संगठन कौशल, प्रशासनिक समझ और सामाजिक राजनीतिक विषयों पर अपनी गहरी जानकारी के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। ईश्वर दिवंगत आत्मा को चिरशांति और परिजनों को इस शोक की घड़ी में सम्बल प्रदान करें।

तेजस्वी प्रसाद यादव ने जताया शोक
तेजस्वी प्रसाद यादव ने X पर लिखा, पूर्व उपमुख्यमंत्री, हमारे अभिभावक, संघर्षशील एवं कर्मठ नेता आदरणीय सुशील कुमार मोदी जी के असामयिक निधन की खबर सुन अत्यंत व्यथित हूं। ईश्वर दिवगंत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा परिजनों व शुभचिंतकों को दुख की इस घड़ी में सम्बल प्रदान करे। ॐ शांति ॐ

आपको बता दें कि जब सुशील कुमार मोदी ने अपने बीमारी के बारे में सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बिहार की जनता को जानकारी दी थी.. तब तेजस्वी यादव के बड़े भाई और आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव उनसे मिलने उनके घर पहुंचे थे और उनका हाल चाल जाना था। तेजप्रताप यादव ने कहा था कि भले ही वो राजनीतिक दुश्मन हैं लेकिन वो मेरे पिताजी के मित्र रहे हैं इसलिए उनका हालचाल जानना जरुरी है ।

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