केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी में दो फाड़ हो गया है. लोक जनशक्ति पार्टी के महासचिव सत्यानंद शर्मा ने बगावत कर नई पार्टी बना ली है. उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी सेक्युलर के नाम से नई पार्टी बनाई है.
पासवान पर परिवारवाद का आरोप
नालंदा के पूर्व प्रत्याशी का लोक जनशक्ति पार्टी के नेता सत्यानंद शर्मा ने कहा कि लोजपा में आंतरिक लोकतंत्र खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि लोजपा परिवार की पार्टी बन कर रह गई है । पार्टी में भ्रष्टाचार चरम पर है। इस वजह से पार्टी पदाधिकारियों के साथ उन्होंने नया मोर्चा बना लिया।
पारस ने कहा- पहले निकाल दिए गए थे शर्मा
लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद पशुपति कुमार पारस ने इस नए मोर्चे के गठन पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि लोजपा के राष्ट्रीय महासचिव रहे डॉक्टर सत्यानंद को जमुई में लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद ग्यारह अप्रैल को लोजपा से निष्कासित कर दिया गया था। पार्टी की ओर से अखलाक अहमद ने लिखित रूप से उन्हें इस आशय का पत्र भेज दिया था। इसी तरह पार्टी के अन्य पदाधिकारी विष्णु पासवान व अन्य पदाधिकारियों को उनके स्तर से दल विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी से निकाल दिया गया था।
रामा सिंह ने भी बगावत किया
पूर्व सांसद रामा सिंह तो खुलेआम पार्टी के खिलाफ काम करते रहे हैं। जमुई और हाजीपुर लोकसभा चुनाव में उनकी लोजपा प्रत्याशी के खिलाफ सक्रियता बड़े स्तर पर थी। खुद लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान इस बारे में सार्वजनिक रूप से बोल चुके हैं। रामा सिंह तो पिछले एक वर्ष से पार्टी से अलग हैं।
नालंदा से चुनाव लड़ चुके हैं सत्यानंद शर्मा
सत्यानंद शर्मा को लोजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में नालंदा लोकसभा से चुनाव लड़ाया था और बहुत कम मतों के अंतर से वह चुनाव हारे थे। इस बार एनडीए में वह सीट जदयू को चली गई थी। इस पर सत्यानंद शर्मा खफा चल रहे थे और एनडीए प्रत्याशी के खिलाफ सक्रिय थे। विधानसभा चुनाव में लोजपा ने डॉ सत्यानंद को दीघा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया थे। यह चुनाव भी वह हार गए थे। इस सीट से भाजपा के संजीव चौरसिया विधायक हैं। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में यहां से भी उनका स्कोप नहीं था