
चुनाव आयोग ने जनता दल (यूनाइटेड) को बड़ा झटका दिया है । चुनाव आयोग ने दो राज्यों में जेडीयू के चुनाव चिन्ह तीर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है ।
झारखंड और महाराष्ट्र लगाई रोक
चुनाव आयोग ने झारखंड और महाराष्ट्र में जेडीयू के चुनाव चिन्ह तीर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है । यानि झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जेडीयू अपने चुनाव चिह्न ‘तीर’ का इस्तेमाल नहीं करेगी. क्योंकि यह चिह्न झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और महाराष्ट्र में शिव सेना के चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर’ से मिलता-जुलता है।
चुनाव आयोग ने वापस ली छूट
इससे पहले चुनाव आयोग ने जदयू को एक नियम के तहत दो राज्यों में अपने चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करके चुनाव लड़ने की छूट दी थी। अब ये छूट वापस ले ली गई है क्योंकि झामुमो ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाते हुए कहा था कि चुनाव चिह्नों की समानता से मतदाता भ्रमित हो सकते हैं।
चुनाव आयोग ने क्या कहा
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद आयोग ने जदयू को निर्देश दिया है उसे चुनाव चिह्न आदेश के पैरा 10 के तहत झारखंड और महाराष्ट्र में अब से चुनाव लड़ने की छूट नहीं दी जाएगी। आपको बता दें कि इस साल मार्च में आयोग ने आदेश दिया था कि झामुमो और शिवसेना बिहार में अपने चुनाव चिह्न का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। आठ मार्च, 2019 के आदेश में जो कहा गया था वो अब भी लागू होगा। और यही चीज महाराष्ट्र में भी लागू होगी।
JDU ने कही हाईकोर्ट में जाने की बात
इस मामले पर जदयू नेता राजीव रंजन का कहना है कि पार्टी ने ये फैसला लिया है कि हम इस आदेश के खिलाफ चुनाव आयोग जाएंगे। अगर जरूरत पड़ी तो हम हाईकोर्ट भी जाएंगे। आपको बता दें कि नीतीश कुमार की पार्टी ने झारखंड में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। नीतीश कुमार से विचार विमर्श करने के बाद जेडीयू के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। अब चुनाव आयोग के इस फैसले से पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती है.