मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ सीबीआई जांच की खबर झूठी निकली। वकील शरद सिन्हा ने साफ किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ कोई जांच का आदेश नहीं दिया गया है.. कल ये खबर सामने आई थी कि सीएम नीतीश कुमार के विरुद्ध सीबीआई जांच होने वाली है. जाहिर है सीएम नीतीश का नाम आते ही इस पर चारों ओर चर्चा होने लगी और विपक्ष ने भी हमले तेज कर दिए. हालांकि जब अन्य वकील ने टेक्निकल पक्ष को बताया तो मामला टांय-टांय फिस्स हो गया.
वकील ने क्या कहा
वकील शरद सिन्हा ने साफ किया कि ऐसी कोई बात ही नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इन तीनों के खिलाफ जांच का कोई आदेश नहीं दिया गया है. एक सामान्य प्रक्रिया के तहत सिर्फ सीबीआई को फॉरवर्ड किया गया है. इसके लिए कोई जांच का आदेश नहीं दिया गया है.
किसने फैलाया था भ्रम
दरअसल बालिका गृह कांड में गिरफ्तार डॉक्टर अश्विनी ने अपने वकील के जरिए अर्जी दी है. इसमें मांग की गई है कि बालिका गृह के संचालन में सीएम नीतीश कुमार, समाज कल्याण प्रधान सचिव अतुल प्रसाद और तत्कालीन डीएम धर्मेंद्र सिंह की भूमिका की जांच की जाए. पॉक्सो कोर्ट ने इसे सिर्फ सीबीआई को फॉरवर्ड किया है कि आप देखें कि मामला क्या है.
मुजफ्फरपुर विशेष पॉक्सो कोर्ट में डाली गई अर्जी
इसी खबर को जाने-अनजाने कई न्यूज चैनलों और न्यूज वेब साइट्स ने याचिकाकर्ता के वकील सुशील ओझा के बयान के आधार पर सीबीआई जांच की खबर चला दी. लेकिन वकील शरद सिन्हा ने इसके टेक्निकल पक्ष को उजागर कर तस्वीर साफ कर दी.
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि पिछले वर्ष मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बच्चियों के यौन शोषण की बात सामने आई थी. इसके बाद 28 मई, 2018 को एफआईआर दर्ज कराई गई. फिर 31 मई को 46 नाबालिग लड़कियां मुक्त करवाई गईं और संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत 20 लोग गिरफ्तार किए गए थे. मामले की जांच कर रही है सीबीआई और नीतीश सरकार पर बीते हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर संवाल उठाते हुए ये केस पटना से दिल्ली के साकेत पॉक्सो कोर्ट ट्रांसफर कर दिया है. जहां अगले हफ्ते से सुनवाई शुरू होगी.