लोकसभा चुनाव 2019 में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की. PM मोदी ने LK आडवाणी से जीत का आशीर्वाद लिया, जिसके बाद वह पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी से भी मिलने पहुंचे.
Called on respected Advani Ji. The BJP’s successes today are possible because greats like him spent decades building the party and providing a fresh ideological narrative to the people. pic.twitter.com/liXK8cfsrI
— Narendra Modi (@narendramodi) May 24, 2019
लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात करने के बाद PM नरेंद्र मोदी ने ट्वीट भी किया. उन्होंने लिखा, ‘आज आडवाणी जी से मुलाकात की. भारतीय जनता पार्टी ने आज जो भी सफलता हासिल की है, वह उन जैसे बड़े नेताओं की वजह है जिन्होंने दशकों तक तपस्या कर पार्टी को खड़ा किया.’
इसके अलावा मुरली मनोहर जोशी से मिलने के बाद उन्होंने लिखा, ‘मुरली मनोहर जोशी जी विद्वान और बुद्धिजीवी हैं. भारतीय शिक्षा में सुधार लाने के लिए उन्होंने एक बड़ा योगदान दिया है. उन्होंने बीजेपी को मजबूत करने का काम किया और मेरे जैसे कई कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाया. आज सुबह उनसे मुलाकात की.’
Dr. Murli Manohar Joshi is a scholar and intellectual par excellence. His contribution towards improving Indian education is remarkable. He has always worked to strengthen the BJP and mentor several Karyakartas, including me.
Met him this morning and sought his blessings. pic.twitter.com/gppfDt7KiB
— Narendra Modi (@narendramodi) May 24, 2019
बीजेपी के वरिष्ठ मुरली मनोहर जोशी ने पीएम मोदी से मुलाकात के बाद कहा कि दोनों (मोदी-शाह) बहुत अच्छा काम किया है, पार्टी को एक करिश्माई जीत हासिल की है. हम लोगों ने पार्टी बनाई थी, हमने बीज लगाया पेड़ उगाया, इन लोगों ने उसे फलदाई पेड़ बनाया है.
उन्होंने कहा कि पूरा देश चाहता था कि मजबूत सरकार बने, तो लोगों के सामने नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था.
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने अपने इतिहास की सबसे बड़ी जीत हासिल की है. बीजेपी इस बार अकेले दम पर 300 का आंकड़ा पार कर गई. बीजेपी ने अकेले दम पर 303, एनडीए के साथ मिल 348 सीटें अपने नाम की. तो वहीं कांग्रेस 2014 में 44 पर सिमटी थी और अब 52 पर सिमट गई.
गौर करने वाली बात ये है कि पार्टी के दोनों वरिष्ठ नेताओं ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा है. लालकृष्ण आडवाणी हर बार गांधीनगर से चुनाव लड़ते थे, लेकिन इस बार उनकी जगह अमित शाह लड़े. तो वहीं पिछली बार कानपुर से चुनाव लड़ने वाले मुरली मनोहर जोशी को पार्टी ने टिकट नहीं दिया. चुनाव से पहले इस मुद्दे पर दोनों नेताओं की तरफ से नाराजगी की भी खबरें थीं