बिहारशरीफ नगर निगम की मेयर वीणा कुमारी पर अब वार्ड पार्षदों को विश्वास नहीं रहा. मेयर वीणा कुमार के खिलाफ बिहारशरीफ के 16 वार्ड पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है । नाराज वार्ड पार्षदों ने नगर आयुक्त सौरभ जोरवाल को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा है ।
22 जुलाई को होगी चर्चा
बिहारशरीफ की महापौर वीणा कुमार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 22 जुलाई को विशेष बैठक बुलाई गई है । जिसमें चर्चा के बाद वोटिंग होगी. वार्ड पार्षदों ने महापौर वीणा कुमारी मनमानी करने का आरोप लगाया है. साथ ही कहा गया है कि महापौर की वजह से विकास का काम नहीं हो पा रहा है ।
किसने रची साजिश
दरअसल, पूरा खेल उस दिन ही शुरू हो गया था जब उप महापौर फूल कुमारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. अविश्वास प्रस्ताव में हारने के बाद डिप्टी मेयर फूल कुमारी को अपना पद छोड़ना पड़ा था. इसी दौरान मेयर पति और तत्कालीन डिप्टी मेयर पति के बीच शब्दों के बाण चले थे. दोनों ओर से एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे. हालांकि शहर की राजनीति की समझ रखने वाले कहते हैं कि इसके पीछे जदयू के एक पूर्व विधायक और एमएलसी का हाथ बता रहे हैं. उन्हीं के इशारों पर ये खेल खेला जा रहा है ।
क्या है नियम
बिहार म्यूनिसपल एक्ट 2010-एक्ट के मुताबिक महापौर और उपमहापौर के खिलाफ पहले 2 वर्षों के बाद अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है | उसके बाद तीसरे वर्ष में भी अविश्वास लाया जा सकता है . लेकिन चौथे वर्ष में अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है . क्योंकि छह महीने पहले ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जाती है. जिसकी वजह से आखिरी साल में अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है. लेकिन अगर एक साल का कार्यकाल बाकी है तो अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है .
फूल कुमारी को गंवानी पड़ी थी कुर्सी
फूल कुमारी के खिलाफ 27 जून को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. जिसके बाद 2 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई. 46 सदस्यीय नगर निगम में 44 सदस्यों ने ही बैठक में हिस्सा लिया था. जिसमें से 27 वार्ड पार्षदों ने फूल कुमारी के विरोध में वोट दिया था. जबकि 8 वार्ड पार्षदों ने ही समर्थन किया था।