बिहार विधानसभा उपचुनाव (By Election)के रिजल्ट नीतीश सरकार के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है । बिहार में पांच सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी-जेडीयू का सुफड़ा साफ हो गया है । सभी पांच की पांच सीटों पर बीजेपी और जेडीयू के उम्मीदवार की हार हुई है । जिसमें सांसद के पति और भाई भी शामिल हैं. पांच में से तीन सीटें आरजेडी ने जीती है
बांका सांसद के भाई की हार
जेडीयू को करारी हार का मुंह देखना पड़ा है । बेलहर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बांका से सांसद गिरधारी यादव के भाई लालधारी यादव हार गए हैं । उन्हें आरजेडी के रामदेव यादव ने लालधारी यादव को हरा दिया है । आपको बता दें कि जेडीयू ने लालधारी यादव को अपना उम्मीदवार बनाया था.
सीवान सांसद के पति की हार
सीवान सांसद कविता सिंह के पति की भी बुरी हार हुई है । दरौंदा विधानसभा सीट के लिए जेडीयू ने कविता सिंह के पति अजय सिंह को उम्मीदवार बनाया था। जिन्हें निर्दलीय उम्मीदवार कर्णजीत सिंह उर्फ व्यास सिंह ने हरा दिया है । कर्णजीत सिंह उर्फ व्यास सिंह सीवान बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष थे. वो दरौंदा विधानसभा उपचुनाव में बागी होकर निर्दलीय चुनाव मैदान में थे जहां वो अपने निकटतम प्रत्याशी एनडीए के अजय सिंह से हरा दिया है । अजय सिंह सीवान के दबंग और बाहुबली नेता हैं और 2019 के विधानसभा चुनाव में अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह सांसद बनी थीं. उनके सांसद बनने पर ये सीट खाली हुई थी जिससे जेडीयू ने अजय सिंह को टिकट दिया है.
सिमरी बख्तियारपुर में आरजेडी की जीत
सिमरी बख्तियारपुर सीट से भी राजद को विजय श्री हासिल हुआ है. यहां आरजेडी के जफर आलम ने जेडीयू के डॉ अरुण यादव को हरा दिया है.
नाथनगर में भी आरजेडी की जीत
भागलपुर की नाथनगर सीट पर भी आरजेडी को जीत मिला है . आरजेडी की रबिया खातून ने जेडीयू के लक्ष्मीकांत मंडल को हरा दिया है . लक्ष्मीकांत मंडल शुरुआत से बढ़त बनाए हुए थे . लेकिन आखिर में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा.
किशनगंज में बीजेपी की हार
किशनगंज विधानसभा सीट पर AIMIM चीफ असुद्दीन ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार की जीत हुई है । एआईएमआईएम के उम्मीदवार कमरुल होदा ने बीजेपी के स्वीटी सिंह को हरा दिया है ।
यानि बिहार में जिन सीटों पर उपचुनाव हुए थे. उसमें तीन सीटों पर आरजेडी की जीत हुई. जबकि एक पर निर्दलीय और एक सीट पर ओवैसी की पार्टी जीती है । ऐसे जेल में बंद लालू यादव ने जेल से ही नीतीश कुमार और सुशील मोदी को मात दे दी है । क्योंकि बिहार में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. अगर ऐसे में जनता का यही मूड रहा तो आने वाले समय में जेडीयू-बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती है