एक मशहूर कहावत है घर का भेदी लंका ढाये और ये कहावत एक बार फिर सही साबित हुआ है . लोकसभा चुनाव में बिहार में आरजेडी की करारी हार हुई है. बिहार में 19 सीटों पर आरजेडी ने अपने उम्मीदवार उतारे थे । लेकिन एक सीट पर भी जीत हासिल नहीं हुई है . उनकी पार्टी की ये हालत खुद उनके लाल तेज प्रताप यादव ने किया है.
तेजप्रताप ने आरजेडी को हरा दिया
देश में जब मोदी की लहर थी तब भी लालू प्रसाद यादव अपने चार सांसदों को लोकसभा पहुंचाने में सफल हुए थे. इस बार पीएम मोदी और नीतीश कुमार ने आरजेडी की घेराबंदी की थी. मोदी और नीतीश की आंधी में भी आरजेडी का लालटेन टिमटिमा रहा था. क्योंकि मतगणना लोगों को लग रहा था कि जहानाबाद एक ऐसी सीट है जहां आरजेडी का झंडा लहराएगा.
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जहानाबाद में बुझा दिया लालटेन
जहानाबाद लोकसभा सीट पर आरजेडी ने एनडीए को कड़ी टक्कर दी थी. आरजेडी के सुरेंद्र यादव लगातार जेडीयू के चंद्रेश्वर प्रसाद पर बढ़त बनाए हुए थे. ऐसा लग रहा था कि मोदी नीतीश की आंधी में जहानाबाद में लालटेन नहीं बुझेगी. जेडीयू को भी भरोसा नहीं था कि उनकी तीर लालटेन में छेद कर उसके तेल को गिरा देगी. लेकिन ये काम कर दिखाया तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेजप्रताप यादव ने। तेजप्रताप यादव ने चुनाव में ‘लालू राबड़ी मोर्चा’ का गठन किया और यहां से चंद्र प्रकाश यादव को अपना उम्मीदवार बनाया. फिर वही हुआ जिसका डर लालू परिवार को था. जहानाबाद में जनता दल यूनइटेड (JDU) के चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने आरजेडी के सुरेंद्र प्रसाद यादव को केवल 1711 मतों के अंतर से पराजित किया। क्योंकि तेजप्रताप यादव ने उम्मीदवार चंद्र प्रकाश यादव ने 7755 मत हासिल किया. यानि तेजप्रताप यादव अपना उम्मीदवार नहीं उतारते तो जहानाबाद सीट पर सुरेंद्र यादव 6 हजार से ज्यादा वोट से जीत हासिल करते . ऐसे स्थिति नहीं बनती की लोकसभा आरजेडी मुक्त हो जाती ।