27 जुलाई, 2018 की रात पूरी दुनिया ने ऐतिहासिक नज़ारा देखा. 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण (Longest total lunar eclipse) शनिवार की रात को हुआ, इस दौरान चांद ने धीरे-धीरे अपना रंग बदला. एक समय तो ऐसा भी आया जब चांद पूरी तरह से लाल रंग में तब्दील हो गया था. लेकिन बिहारशरीफ,नवादा,शेखपुरा और पटना समेत आधे हिंदुस्तान के लोगों को चांद का दीदार नहीं हो पाया। चांद की लाली को देखने के लिए लाखों लोग रात भर इंतजार करते रहे। लेकिन बादल विलेन बना रहा। बादलों ने चंद्रग्रहण पर ही अपना ग्रहण लगा दिया। जिसकी वजह से चांद नहीं दिख पाया।
रात 11 बजकर 54 मिनट पर चंद्रग्रहण शुरू हुआ। लेकिन रात 1 बजे पूर्ण चंद्रग्रहण हुआ। जिसके बाद चांद धीरे-धीरे लाल दिखना शुरू हुआ।
रात के डेढ़ बजे के बाद चांद पूरी तरह से लाल दिखने लगा। एक वक्त ऐसा आया कि चांद लाल से पिंक दिखने लगा। यानी चांद पूरी तरह से खूनी लाल दिख रहा था। इसे चंद्रग्रहण का खग्रास कहते हैं।
ये प्रक्रिया रात करीब पौने तीन बजे तक रही। उसके बाद चंद्रग्रहण का क्षय होने लगा। और तीन बजकर 49 मिनट पर सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण समाप्त हो गया। यह एक बेहद खूबसूरत नजारा रहा जिसे दुनिया ने करीब 103 मिनट तक देखा. क्योंकि इस बार चंद्रमा पृथ्वी की छाया के केंद्रीय भाग से होकर गुजर रहा था.चंद्रग्रहण की समाप्ति के बाद लोगों ने स्नान किया और दान दिया। आपको बता दें शुक्रवार को दोपहर ढाई बजे के बाद ही सुतक की वजह से मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। चंद्रग्रहण की वजह से लोगों ने पहले ही खाना खा लिया था। लेकिन बादल ने सारा मजा किरकिरा कर दिया