अटल जी की मौत को लेकर की गई भविष्यवाणी सही साबित हो गई। पद्मभूषण कवि गोपालदास नीरज ने अटल के निधन को लेकर जो भविष्यवाणी की थी वो सौ फीसदी सही साबित हुई। आखिर नीरज को कैसे पता था ‘अटल की मृत्यु’ के दिन के बारे में? हर किसी के जेहन में बस यही सवाल उठ रहा है कि दो साल पहले ही नीरज ने अटल जी की मृत्यु के बारे में भविष्यवाणी की थी वो सच कैसे हो गई? क्या दोनों के बीच कोई गहरा संबंध था ? नीरज की भविष्यवाणी कैसे ‘अटल’ साबित हो गई ?
अटल जी के निधन से ठीक दो पहले पद्म भूषण कवि गोपाल दास नीरज ने भविष्यवाणी की थी। उन्होंने कहा था कि ग्रहों का ऐसा योग है कि मेरी मृत्यु के 30 दिन के भीतर अटल जी को संसार से विदा लेना होगा। नीरज की ये भविष्यवाणी सही साबित हुई। नीरज का निधन 19 जुलाई को हुआ जबकि ठीक 28 दिन बाद ही 16 अगस्त को वाजपेयी भी चिरनिद्रा में चले गए।
अटल बिहारी वाजपेयी के साथ कवि सम्मेलन के कई मंच साझा करने वाले नीरज कानपुर के डीएवी कॉलेज में अटल के बराबर वाले कमरे में ही रहते थे। सक्रिय राजनीति के दिनों में अटल ने विभिन्न अवसरों पर कई पत्र नीरज को लिखे। अब इन पत्रों को उनके बेटे मिलन प्रभात गुंजन ने संभाल कर रखा है। मिलन प्रभात गुंजन कहते हैं कि जब पिताजी को पद्मश्री सम्मान मिला तो अटलजी ने पत्र लिखकर बधाई भेजी।
गुंजन ने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार प्रधानमंत्री बने, उस वक्त पिताजी ने अटल से कहा था कि वक्त आपके लिए स्थायी नहीं है। यह सरकार नहीं चलेगी, जल्द ही आपको पद छोड़ना होगा। आगे फिर अवसर मिलेगा। उनकी सरकार 13 दिन ही चली। बाद में 13 महीने की सरकार चली। इसके बाद एक पूर्ण कार्यकाल वाली सरकार का नेतृत्व वाजपेयी ने किया। मिलन प्रभात गुंजन कहते हैं, पिताजी को ज्योतिष का अच्छा ज्ञान था। अटलजी और पिताजी के जन्म में 10 दिन का ही अंतर था।