आपने कई शादियां देखी होगी। लेकिन कलियुग की स्वयंवर वाली ये शादी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है । ये शादी ठीक उसी तरह हुई । जैसे सतयुग यानि रामायण में प्रभु श्रीराम ने शिवजी की धनुष को तोड़कर सीता जी से शादी रचाई थी। ठीक एक ऐसी ही तस्वीर बिहार से आई है। जहां पहले स्वयंवर रचाया गया। दरबार सजा और दूल्हे ने धनुष को तोड़ा फिर शादी रचाई गई।
कहां हुई स्वयंवर वाली शादी
इस शादी समारोह का आयोजन सारण जिले के सोनपुर प्रखंड के सबलपुर पूर्वी क्षेत्र में हुआ था। जहां स्वयंवर का आयोजन किया गया। जिसमें दूल्हे ने पहले शिव धनुष (Shiva Dhanush) तोड़ा, फिर दुल्हन ने दूल्हे को वरमाला पहनाई.
जयकारों की गूंज
दूल्हे ने जैसे धनुष तोड़ा वैसे ही जयकारों की गूंज होने लगी। लोगों ने दूल्हे पर फूलों की बारिश की । मंडप में मौजूद युवतियों और महिलाओं ने गाया और जिसके बाद दूल्हे ने दुल्हन के गले में माला डाली। विवाह में पंडित मंत्रोच्चार कर सभी रस्मों को पूरा करवाया।
फिक्स था कलियुग का स्वयंवर
हालांकि कलियुग का ये स्वयंवर सतयुग के स्वयंवर से अलग था। सतयुग में जब सीताजी का स्वयंवर (Swayamvar)हुआ था तो उसमें बड़े-बड़े योद्धा मौजूद थे. जिसमें ये कहा गया था कि जो भगवान शिव द्वारा प्रदत उस धनुष (Shiva Dhanush Weight) को उठाकर उसपर प्रत्यंचा चढाएगा उसी से सीता जी की शादी होगी । जिसमें कई शूरवीर हार चुके थे। लेकिन भगवान राम ने जब प्रत्यंचा चढ़ाकर धनुष तोड़ दिया तो सीता जी की शादी हुई थी। लेकिन कलियुग का ये स्वयंवर पहले से फिक्स था। यानि लड़की वाले और लड़के वाले में शादी तय हो गई थी। लड़का वाला बारात लेकर पहुंचा था।
सुर्खी बटोरने के लिए स्वयंवर
स्थानीय लोगों मुताबिक दूल्हा-दुल्हन की शादी पहले से फिक्स थी । लड़की वाले और लड़के वाले आपस में बातचीत कर दूल्हा-दुल्हन की शादी तय कर चुके थे। बस सुर्खियां बटोरने और शादी में कुछ नया करने के लिहाज से सतयुग वाली परंपरा का निर्वहन किया गया। ठीक वैसे ही जैसे आजकल लोग हेलिकॉप्टर वगैरह से बारात ले जाकर सुर्खियां बटोरते हैं।
कोरोना नियमों की धज्जी उड़ी
स्वयंवर का ये अनोखा विवाह देखने के लिए बड़ी संख्या में लोट जुटे थे। इस दौरान कोरोना नियमों का उल्लंघन किया गया । न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया और न ही लोग मास्क पहने थे।