
बिहार में नीतीश कैबिनेट का विस्तार हो सकता है. आठ महीने बाद लोकसभा चुनाव होना है ऐसे में मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाना है. कहा जा रहा है कि नीतीश कैबिनेट में आधे दर्जन नए मंत्री शामिल हो सकते हैं.
किसे किसे बनाया जा सकता है मंत्री
मंजू वर्मा नीतीश कैबिनेट में एकमात्र महिला मंत्री थीं। ऐसे में कहा जा रहा है कि पूर्व मंत्री लेसी सिंह या रंजू गीता को जेडीयू कोटे से मंत्री बनाया जा सकता है. कांग्रेस छोड़कर जेडीयू में शामिल हुए अशोक चौधरी को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलना तय है। उनको बैलेंस करने के लिए श्याम रजक को भी मंत्री बनाया जा सकता है।
कुशवाहा कोटे से रेस में कौन-कौन
मंजू वर्मा के इस्तीफे के बाद कुशवाहा समाज से किसे मंत्री बनाया जाएगा। इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। लेकिन कुशवाहा समाज से रेस में अभय कुशवाहा, उमेश कुशवाहा, रामसेवक सिंह और रामबालक सिंह हैं।
कमजोर पड़ी अभय कुशवाहा की दावेदारी
मंत्री पद को लेकर अभय कुशवाहा की दावेदारी थोड़ी कमजोर पड़ रही है. क्योंकि एक तो उन्हें युवा जेडीयू की कमान दे दी गई है. दूसरा वो मगध प्रमंडल के टेकारी से आते हैं. कृष्णनंदन वर्मा भी कुशवाहा समाज और मगध प्रमंडल से ही आते हैं. साथ ही वो मंत्री भी हैं. ऐसे में अभय कुशवाहा की दावेदारी थोड़ी कमजोर पड़ती दिख रही है. यानि कुशवाहा कोटा से उत्तर बिहार से ही कोई मंत्री बन सकता है.
RLSP कोटा से भी बन सकते हैं मंत्री
बीजेपी का कोटा लगभग पूरा हो गया है। नीतीश कैबिनेट में रालोसपा को कोई जगह नहीं मिली है। अगर एनडीए के केंद्रीय नेतृत्व का दबाव पड़ा तो रालोसपा के सुधांशु शेखर को भी मंत्री बनाया जा सकता है।
बिहार में कितने मंत्री बन सकते हैं
बिहार विधानसभा की सदस्य संख्या को देखते हुए नीतीश मंत्रिमंडल में 36 मंत्री ही रह सकते हैं। 27 जुलाई 2017 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शपथ ली थी। इसके बाद 29 जुलाई को जदयू कोटे से 14 और भाजपा कोटे से 12 और लोजपा से एक को मंत्री बनाया गया। इस तरह पहले से ही कैबिनेट में सात जगहें खाली रह गई थी। मंजू वर्मा के इस्तीफा के बाद अब आठ सीटें खाली हो गईं हैं।