चंडी प्रखंड के प्रमुख और उपप्रमुख की कुर्सी रहेगी या जाएगी इसका फैसला 25 जुलाई को होगा। चंडी के प्रखंड प्रमुख निर्मला देवी और उपप्रमुख पूनम देवी के खिलाफ पंचायत समिति के सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है। जिसपर 25 जुलाई को चर्चा होगी और उसके बाद वोटिंग होगा। जिसके बाद ये तय होगा कि किसकी कुर्सी रहेगी किसकी कुर्सी जाएगी।
फेल हुआ प्रखंड प्रमुख-उपप्रमुख का खेल
अविश्वास प्रस्ताव को रोकने के लिए प्रखंड प्रमुख और उप प्रमुख अपने क्षेत्र से बाहर चले गए। जिससे ये साबित हो जाए कि उन्हें अविश्वास का प्रस्ताव नहीं मिला है। लेकिन कार्यपालक पदाधिकारी ने उनके इस खेल को ही खत्म कर दिया। उनके आदेश पर प्रखंड प्रमुख और उप प्रमुख के घर पर अविश्वास प्रस्ताव के लिए तिथि तय करने का नोटिस चिपकवाया दिया गया। जब वो बैठक में शामिल नहीं हुईं तो अब तारीख का ऐलान कर दिया गया है।
असंवैधानिक है अविश्वास प्रस्ताव- प्रमुख
चंडी के प्रखंड प्रमुख निर्मला देवी ने अविश्वास प्रस्ताव को असंवैधानिक करार दिया है। उनके मुताबिक पंचायत समिति के सदस्यों को पहले प्रस्ताव उन्हें देना चाहिए था न कि कार्यपालक पदाधिकारी। ऐसे में ये गलत है
जोड़-तोड़ का गणित शुरू
अविश्वास प्रस्ताव के तारीख का ऐलान होते ही चंडी प्रखंड का सियासी पारा चढ़ गया है। सूत्रों के मुताबिक प्रमुख और उप प्रमुख जोड़ तोड़ के गणित में जुट गए हैं। चंडी प्रखंड में पंचायत समिति सदस्यों की संख्या 22 है जिसमें से 12 सदस्यों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है। ऐसे में उनकी कुर्सी बचती नहीं दिख रही है। लेकिन इलाके के सियासी पंडितों का कहना है कि पंचायत समिति सदस्यों की खरीद फरोख्त शुरू हो गई है।
विधायक हरिनारायण सिंह की चहेती हैं प्रखंड प्रमुख
प्रखंड प्रमुख निर्मला देवी को हरनौत विधायक हरिनारायण सिंह का खासमखास माना जाता है। बताया जाता है कि पिछली बार भी उन्हीं के इशारों पर इनका चयन हुआ था। लेकिन इस बार 22 पंचायत समिति सदस्यों में से 12 ने उनके खिलाफ आवाज उठाई है और अविश्वास प्रस्ताव दिया है। ऐसे में देखना होगा कि 25 जुलाई को प्रखंड प्रमुख और उप प्रमुख की कुर्सी बचती है या जाती है।