बिहार की राजनीति नई करवट ले सकती है। शरद यादव कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। जी हां, सूत्रों से खबर है कि शरद यादव जल्द ही कांग्रेस में शामिल होंगे। पिछले कई दिनों से कांग्रेस के कई बड़े नेता शरद यादव के संपर्क में थे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी ओर से हामी भर दी है। शरद यादव ने कांग्रेस के सामने लोकसभा की पांच सीटों की मांग रखी है। जिसमें से एक सीट उनकी अपनी मधेपुरा सीट है। जबकि दूसरी सीट सुपौल है। इसके अलावा हरियाणा के गुड़गांव सीट पर भी उन्होंने दावा ठोंका है। सूत्र का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान ने उनकी मांग भी मान ली है। मधेपुरा सीट से अभी जनाधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव सांसद हैं जबकि सुपौल सीट से उनकी पत्नी रंजीता रंजन सांसद हैं।
‘पंजा’ में फंसे शरद यादव
शरद यादव के कांग्रेस में शामिल होने से कांग्रेस को बड़ा फायदा हो सकता है। एक तो कांग्रेस को बिहार में अपना एक चेहरा मिल जाएगा। दूसरा उन सीटों पर भी कांग्रेस को फायदा होगा जहां शरद यादव के जेडीयू के समर्थक हैं। शरद यादव का कद बड़ा है ऐसे में पार्टी न आरजेडी की पिछल्लगू नहीं रह जाएगी। शरद यादव को भी अपनी राजनीति खेने के लिए नाव मिल जाएगा। जिसके सहारे वो अपने आगे की राजनीति की नैया पार लगा सकते हैं। नीतीश कुमार का साथ छूटने के बाद शरद यादव को एक बड़े ठौर की जरूरत थी । ऐसे में कांग्रेस में शामिल होने से उनकी ये जरूरत भी पूरी हो जाएगी। लेकिन सवाल उठता है कि जिस कांग्रेस का विरोध कर अब तक वो राजनीति करते रहे। जिस कांग्रेस की विचारधारा का वो विरोध करते रहे। उसी कांग्रेसी टोपी को वो कैसे पहनेंगे।