पटना के कमिश्नर आनंद किशोर से बिहार बोर्ड के अध्यक्ष की कुर्सी छिन सकती है। पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में नियमित अध्यक्ष की बहाली का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को 18 सितम्बर तक नियमित अध्यक्ष नियुक्त करने को कहा है।
हाईकोर्ट ने सरकार के कामकाज पर उठाए सवाल
पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा कि कब तक इंचार्ज की बदौलत काम चलाएंगे। जो सक्षम नहीं थे उन्हें बिहार बोर्ड में टॉप करा दिया गया, यह नेशनल न्यूज बना। इस तरह से राज्य की छवि खराब होती है। इसे सुधारने की जरूरत है।
साथ ही कोर्ट ने कहा कि सरकार, अदालती आदेश का भी पालन नहीं करती है। बोर्ड के नियमित अध्यक्ष की बहाली के लिए मार्च में ही आदेश दिया गया था, लेकिन पांच माह बीत जाने के बावजूद बिहार बोर्ड में नियमित अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो पाई है। वहीं राज्य का पक्ष रखते हुए अपर महाधिवक्ता आशुतोष रंजन पांडेय ने कोर्ट को बताया कि अच्छे अध्यक्ष की तलाश जारी है। तलाश पूरी होते ही कानून के तहत बहाली कर दी जाएगी।
आपको बता दें कि अरुण कुमार शर्मा ने नियमित अध्यक्ष को लेकर याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई चीफ जस्टिस मुकेश शाह और न्यायमूर्ति डॉ रवि रंजन की खंडपीठ कर रही है।
कोर्ट को बताया गया कि इंचार्ज अध्यक्ष के एक से बढ़ कर एक मामले प्रकाश में आ रहे हैं। एक ही छात्र को दो- दो एडमिट कार्ड जारी किया गया है। एडमिट कार्ड पर लड़का का नाम और फाइनल रिजल्ट में लड़की का नाम जबकि फोटो लड़का का लगा हुआ है। कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 18 सितम्बर तय की है।