लालजी टंडन बिहार के 38वें राज्यपाल बनेंगे। सुबह 11 बजे राजभवन में उनका शपथ ग्रहण होगा। पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मुकेश शाह उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी समेत पूरा कैबिनेट मौजूद रहेगा।
पटना पहुंचे लालजी टंडन
इससे पहले बुधवार की शाम लाल जी टंडन पटना पहुंचे। पटना एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने उनका स्वागत किया।
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एयरपोर्ट पर सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के अलावा मंत्री नंदकिशोर यादव, मंत्री मंगल पांडेय, मंत्री पशुपति कुमार पारस समेत अनेक मंत्री व विधायक मौजूद रहे.
लालजी टंडन को सत्यपाल मलिक की जगह बिहार का राज्यपाल बनाया गया है. वो बिहार के 38वें राज्यपाल होंगे। राज्यपाल बनाए जाने के बाद लालजी टंडन ने कहा था कि बिहार सरकार के उनकी भूमिका गार्जियन की तरह होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश जी उनके पुराने दोस्त हैं. इसलिए काम करने में किसी तरह की प्रॉब्लम नहीं होगी.
बिहार के विकास में भागीदार बनूंगा
लालजी टंडन ने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझ पर विश्वास व्यक्त किया है, ये उनके लिए सौभाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि बिहार के विकास में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाऊंगा. साथ ही कहा कि बिहार के विकास के लिए जो भी कदम होंगे, वे उठाए जायेंगे.
लालजी टंडन की चाय पार्टी मशहूर है
लालजी टंडन को लोग अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी के रूप में जानते हैं. एक सभासद से राजनीतिक सफ़र शुरू करने वाले टंडन यूपी में कैबिनेट मंत्री भी रहे. 83 साल के टंडन को दुख है कि अब लखनऊ उनसे छूट जाएगा. वे लखनऊ के सभासद, विधायक से लेकर सांसद तक बने. चाट, लस्सी और गोल गप्पे के शौक़ीन टंडन की चाय पार्टी बड़ी मशहूर है. लालजी टंडन बीएसपी सुप्रीमो मायावती के राखी भाई भी रहे हैं. जब यूपी में बीजेपी और बीएसपी की मिली जुली सरकार थी, टंडन मंत्री हुआ करते थे. उस दौरान मायावती उन्हें राखी बांधती थीं. लेकिन भाई बहन का ये रिश्ता कुछ ही महीनों तक रहा.
2009 में लखनऊ से सांसद बने लालजी टंडन
83 साल के लालजी टंडन यूपी में बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे. 1978 से लेकर 1996 तक वे लगातार एमएलसी रहे. फिर वे लखनऊ से विधायक चुने गए. 2009 तक वे लगातार तीन बार एमएलए रहे. अटल बिहारी वाजपेयी के बाद वे 2009 में लखनऊ से लोकसभा के सांसद बने. मायावती सरकार में वे नगर विकास मंत्री रहे. 2014 में भी टंडन यहां से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन बीजेपी ने उनके बदले राजनाथ सिंह को टिकट दे दिया. तब से ही टंडन सक्रिय राजनीति से दूर हो गए.