आखिर किसने और क्यों बंद कराया राजगीर ?

0

सोमवार को पर्यटक नगरी राजगीर की दुकानें पूरी तरह से बंद रही। शहर की करीब 600 दुकानों में ताले लटके रहे। पान की गुमटी से लेकर फुटपाथी दुकानें भी नहीं खुलीं। बंद की वजह से पर्यटकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। राजगीर के आसपास के गांव के लोग जो रोजमर्रा के जरूरतों का सामान खरीदने आए थे उन्हें भी मायूसी हाथ लगी। लोग चाय पीने के लिए भी तरसते दिखे । कहीं कुछ नहीं मिल रहा था । बंदी से करीब 50 लाख रुपये का कारोबार चौपट हुआ है। दुकानें क्यों बंद की गयीं, किसी को पता नहीं। कोई ये नहीं बता रहा था कि बंदी क्यों की गयी ? यहां तक कि व्यवसायी संघ और फुटपाथी दुकानदार संघ इस मामले में कन्नी काटते दिखे। लेकिन लोग दबी जुबान में ये चर्चा कर रहे थे कि बंद नगर पंचायत की उपाध्यक्ष पिंकी देवी के पति अशोक राय की गिरफ्तारी के विरोध में किया गया है।

इसे भी पढ़िए–मलमास मेले से पहले बड़ी गिरफ्तारी

बंद से हैरान परेशान दिखे लोग
आमतौर पर राजगीर बाजार में सुबह सात बजे तक सभी दुकानें खुल जाती हैं। लेकिन सोमवार को सात बजे के बाद भी दुकानें बंद देखकर लोग आश्चर्य में थे। सभी दुकानदारों ने स्वेच्छा से अपनी दुकानें बंद की थीं। शहर के बस स्टैण्ड, बाजार, कुंड स्थल, छबिलापुर रोड, स्टेशन रोड, धर्मशाला रोड, गिरियक रोड आदि स्थानों पर दुकानों में ताले लटके थे। लोग इस बात से भी हैरानी जाहिर कर रहे थे कि बंद रखने की खबर इतनी जल्दी किसने और कैसे सब जगह फैला दी।

बंद का असर गाड़ियों पर नहीं

बंदी का असर गाड़ियों पर नहीं दिख रहा था। गाड़ियां आम दिनों की तरह ही चल रही थी। छोटी-बड़ी सभी गाड़ियां चल रही थी। हालांकि इन गाड़ियों से बाजार पहुंचे लोगों को मायूसी का सामना करना पड़ा। आसपास के गांवों से खरीदारी करने आये लोग खाली हाथ वापस लौट गये। बाजारों में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। देश-विदेश से राजगीर भ्रमण को पहुंचे पर्यटकों को खासी परेशानी उठानी पड़ी।

पुलिस के भ्रष्टाचार के खिलाफ हुई बंदी:-

उप मुख्य पार्षद पिंकी देवी, वार्ड पार्षद पंकज यादव, मीना देवी, उमेश रजक, रुक्मिनी देवी आदि ने कहा कि पुलिस के भ्रष्टाचार के खिलाफ बंदी की गयी है। उनका कहना था कि नगर पंचायत राजगीर द्वारा बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 के तहत एक भूमि पर चल रहे निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गयी थी। पुलिस ने दूसरे पक्ष से मोटी रकम लेकर उसी भूमि पर निर्माण कार्य करवा दिया। यही नहीं इस काम के लिए पुलिस बल भी मुहैया कराया गया। उनका आरोप था कि नगर पंचायत के कामों में राजगीर पुलिस के दखल देने व भ्रष्ट रवैये से सरकारी राजस्व की हानि हो रही है। ई-चालान के बाद भी पुलिस बालू की गाड़ी को पकड़कर जबरन वसूली कर रही है। वार्ड पार्षदों ने कहा कि राजगीर पुलिस के कारनामों को आवेदन देकर सीएम को बताया जायेगा। साथ ही बताया जायेगा कि पुलिस के कारण राजगीर की जनता त्रस्त है।

हत्याकांड का वारंटी है अभियुक्त:-
इधर पुलिस ने इन आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है। थानाध्यक्ष उदय शंकर का कहना है कि अशोक कुमार राय अवधेश सिंह हत्याकांड के वारंटी हैं। उनकी गिरफ्तारी उसी मामले में की गयी है। कानून अपना काम कर रही है।

Load More Related Articles
Load More By Nalanda Live
Load More In राजगीर

Leave a Reply

Check Also

साल 2024 में सबसे ज्यादा किस फिल्म ने की है कमाई.. जानकर चौंक जाएंगे आप

साल 2025 का काउंटडाउन शुरू हो गया है .. हर किसी को नए साल का इंतजार है । लेकिन जो साल साल …