चौथे दिन भी बंद रहा सिलाव

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लगातार चौथे दिन सिलाव बाजार पूरी तरह से बंद रहा। उनके समर्थन में शनिवार को नालंदा मोड़ की दुकानें बंद रहीं। राजगीर में भी कई दुकानें बंद की गयीं। लोगों की नाराजगी कम नहीं दिख रहा है। उनकी एकमात्र मांग है कि पुलिस निर्दोष लोगों को रिहा करे। उनका आरोप है कि पुलिस ने बेकसुरों को घर से उठा लिया है। उधर, इस बंदी का असर नालंदा खंडहर में भी देखने को मिला। पर्यटकों की आमद घट गयी है। वहीं खाजा लेने के आने वाले लोगों को मायूस लौटना पड़ रहा है। व्यवसायियों की मानें तो इस बंदी से अकेले सिलाव में ही करीब 50 लाख रुपये का कारोबार प्रभावित होने की आशंका है।

खाजा की 67 दुकानें हैं सिलाव में:-

सिलाव में खाजा की 67 दुकानें हैं। आम दिनों में ढाई से तीन लाख रुपये रोजाना की बिक्री है। वहीं लगन और पर्यटक सीजन में यह आंकड़ा और बढ़ जाता है। इसके अलावा सिलाव में अनाज की भी अच्छी खासी मंडी है। सिलाव के गोला से अनाज दूसरे राज्यों में भी जाता है। वहीं कपड़े की खरीदारी के लिए सिलाव में रोज ग्राहकों की भीड़ जुटती है। आसपास के एक सौ से अधिक गांवों के लोग सिलाव में खरीदारी करने आते हैं।

सड़क पर घूम रहे आवारा कुत्ते:-

सिलाव पहुंचते ही खाजा की सोंधी महक मन को तृप्त कर देती है। खाजा-खाजा का शोर गूंज उठता है। दर्जनों बेरोजगार युवक गाड़ियों में खाजा बेचकर अपने परिवार का पेट पालते हैं। लेकिन पिछले चार दिनों से यह शोर थम गया है। बाजार की सड़क पर आवारा कुत्ते घूमते नजर आ रहे हैं। सैकड़ों दुकानदार, कारीगर, मजदूर बेरोजगार बैठे हैं। कई तो पुलिस के डर से घर छोड़कर भाग गये हैं।

नालंदा मोड़ के दुकानदारों ने दिया समर्थन:-

शनिवार को नालंदा मोड़ व आसपास के दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें बंद रखी। हालांकि सुबह में कुछ दुकानें खुली थीं। बाद में दुकानदार संघ के अनुरोध पर सभी ने स्वत: अपनी दुकानें बंद कर दी। ई-रिक्शा चालकों ने भी दुकानदारों के समर्थन में चक्का जाम कर दिया। इससे नालंदा घूमने के लिए आये लोगों को काफी परेशानी हुई। व्यवसायी सिलाव में निर्दोष लोगों को छोड़े जाने की मांग कर रहे थे।

नालंदा खंडहर पर भी पड़ा बंद का असर:-

सिलाव में हुए हुड़दंग का असर नालंदा में भी दिखा। पर्यटकों से गुलजार रहने वाला नालंदा खंडहर सुनसान नजर आ रहा था। पर्यटकों की संख्या में काफी गिराबट आई है। पुरातत्व विभाग के अधिकारी सही आंकड़ा बताने से घबरा रहे हैं। दुकानदारों की माने तो पिछले चार दिनों से एक हजार पर्यटक भी प्रतिदिन नहीं आ रहें हैं।

राजगीर में कुछ स्थानों पर बंद रही दुकानें:-

शहर में कुछ स्थानों पर शनिवार को दुकानें बंद रही। धर्मशाला रोड में राजवंशी मार्केट से धुर्वा मोड़ तक कई दुकानें बंद दिखीं। बाजार की आइसक्रीम फैक्ट्री वाली सड़क में दोपहर तक कुछ दुकानें बंद रहीं। हालांकि अन्य स्थानों पर दुकानें खुली थीं। फुटपाथी दुकानदार भी आम दिनों की भांति ही दुकान चला रहे थे। बंद कर रहे अधिकतर दुकानदारों को यह पता नहीं था कि बंदी किस कारण है। आसपास की दुकानों को बंद देखकर ही कई लोगों ने अपनी दुकानें बंद रखी। हालांकि शहर में यही चर्चा थी कि सिलाव के दुकानदारों के समर्थन में दुकानें बंद की गयी है। दोपहर बाद सभी दुकानें खुल गयी थी। एहतियातन शहर के सभी चौक-चौराहे पर पुलिस के जवान तैनात किये गये हैं। थानाध्यक्ष उदयशंकर गश्ती कर हालात पर नजर रख रहे थे।

डीएसपी ने की अफवाह से बचने की अपील:-

डीएसपी संजय कुमार ने बताया कि अबतक 37 नामजद लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जुलूस के दौरान हुड़दंग करने वाले लोगों को छोड़ा नहीं जायेगा। उन्होंने कहा कि जो निर्दोष हैं उन्हें डरने की जरुरत नहीं है। डीएसपी ने आमलोगों को अफवाहों से बचने की सलाह देते हुये कहा कि असामाजिक तत्व माहौल को बिगाड़ने की कोशिश में लगे हैं। बुद्धिजीवियों को पहल कर हालात सामान्य करने में मदद करनी चाहिए।

शनिवार से चालू हो गयी इंटरनेट सेवा:-

ढाई दिनों तक बंद रहने के बाद इंटरनेट सेवा शनिवार से जिले में चालू हो गयी। सिलाव कांड को लेकर सरकारीआदेश पर सभी मोबाइल कंपनियों की इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी थी। शनिवार की सुबह लोगों ने नेट सवा चालू होने पर राहत की सांस ली।

इसे भी पढ़िए–हिंसा के बाद नालंदा जिले में इंटरनेट सेवा बंद

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