
बिहारशरीफ कोर्ट में गवाही देने जा रहे एक शख्स को बदमाशों ने गोलियों से भून डाला. बदमाशों ने मुन्नी यादव पर ताबड़तोड़ फायरिंग की. जिसमें मुन्नी यादव के शरीर में पांच गोलियां लगी. जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई.
क्या है पूरा मामला
राजगीर अनुमंडल के केसरीबीघा के रहने वाले मुन्नी यादव हत्या के एक मामले में गवाही देने के लिए अपने पत्नी के साथ बिहारशरीफ कोर्ट जा रहे थे. जैसे ही वो छबीलापुर थाना क्षेत्र के सतोखरी गांव के पास पहुंचे. वैसे ही दो बोलेरो से आए अपराधियों ने उन्हें घेर लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग करना शुरू कर दिया.
पत्नी के सामने ही भून डाला
बदमाशों की फायरिंग की वजह से मुन्नी यादव को संभलने का मौका भी नहीं मिला. बदमाशों एक एक कर पांच गोलियों ठोंक दी. जिसमें मौके पर उनकी मौत हो गई। जबकि उनकी पत्नी बाल-बाल बच गईं. जिससे ये लगता है कि बदमाशों की मंशा सिर्फ मुन्नी यादव को खत्म करने की थी. हत्या की साजिश का आरोप केसरीबीघा गांव के नेता यादव और उनके ससुर पर लगा है
पहले भी की गई थी मारने की साजिश
मुन्नी यादव के भाई राजो यादव और बेटे धीरेन्द्र पर भी जानलेवा हमला हो चुका है। अप्रैल बोलेरो से कुचलकर जान मारने की कोशिश की थी। हादसे में जख्मी होने के बाद अभी तक उनका इलाज चल रहा है। वहीं 6 मई को उनके बेटे धीरेन्द्र को गोली मार दी गयी थी। इसमें वो गंभीर रूप से जख्मी हो गया था।
मर्डर के पीछे चुनावी रंजिश
मृतक के भतीजे भूपेन्द्र ने बताया कि नेता यादव से उनलोगों को पुराना भूमि विवाद चल रहा है। जमीन के बदलैन के विवाद में कई बार झगड़ा हो चुका है। विवाद का एक और कारण था। उनके चाचा पंचायत चुनाव में खड़े हुए थे। ये बात नेता यादव को पसंद नहीं थी। उसने चुनाव लड़ने से मना किया था। इसी खुन्नस में चाचा की हत्या कर दी गयी।
घर में बस अब एक बेटा बच गया
मुन्नी की मौत से परिवार पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा है। उनका एकमात्र पुत्र बच गया है धीरज। वो पढ़ाई करता है। पिता के गुजरने के बाद उसके सिर पर परिवार की पूरी जिम्मेवारी आ गयी है। मुन्नी के भाई राजो के तीन पुत्र है। घटना के बाद से पूरा परिवार दहशत में है। इधर गांव में तनाव का माहौल है।