नालंदा जिला के एक प्राइवेट स्कूल के हॉस्टल में मासूम की हत्या कर दी गई। परिजनों का आरोप है कि स्कूल में कुकर्म हो रहा है। बच्चे ने इसे देख लिया था। इसी वजह से तकिया से मुंह दबाकर उसकी हत्या कर दी गयी। 10 साल का कन्हैया मुजफ्फरपुर गांव का रहने वाला था और स्कूल के हॉस्टल में ही रहकर पढ़ाई कर रहा था। कन्हैया तीसरी क्लास का छात्र था। इस मामले में स्कूल के मालिक समेत दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। मामला नालंदा जिला के करायपरसुराय के पौने छह आना मोहल्ला की है। जहां एक निजी स्कूल के छात्रावास में 10 साल के कन्हैया की हत्या कर दी गई।
10 दिन पहले ही स्कूल आया था कन्हैया
चार महीने पहले ही घरवालों ने बड़ी उम्मीद के साथ कन्हैया को हॉस्टल में डाला था। पिछले महीने गर्मी की छुट्टी हुई तो वो अपने घर आ गया था। गर्मी की छुट्टी के बाद 10 पहले ही स्कूल गया था। घर वाले सपने संजोये बैठे थे कि उसका कन्हैया बड़ा होकर कमाल करेगा। लेकिन रविवार की सुबह एक मनहूस फोन आया। कहा गया कि कन्हैया बीमार है। उसे अस्पताल ले जाया गया है। घर वाले अस्पताल जाने की तैयारी ही कर रहे थे कि तुरंत दूसरा फोन आया। जिसमें कहा गया कि अब उनका ये लाल इस दुनिया में नहीं रहा। मानों घरवालों पर आसमान टूट पड़ा।
गले में दर्द की शिकायत की थी
स्कूल प्रबंधन का कहना है कि मृत छात्र के फूफा अमरेन्द्र कुमार स्कूल में शिक्षक हैं। उन्हीं की सलाह और देखरेख में बच्चे का एडमिशन हुआ था। रविवार की सुबह नींद से उठकर कन्हैया ने अपने फूफा को इशारे से गले में तकलीफ होने की बात बताई। जिसके बाद कन्हैया को निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया। इसके बाद छात्र को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी जान चली गयी। परिजन ने अमरेन्द्र के भी साजिश में शामिल रहने का आरोप लगाया है।
कुकर्म को छिपाने के लिए कन्हैया की हत्या
कन्हैया के पिता का आरोप है कि स्कूल के मालिक मुकेश कुमार सिन्हा और प्रिंसिपल अमरेन्द्र कुमार स्कूल में कुकर्म करते हैं। जिसे बच्चे ने देख लिया था। इसी वजह से शनिवार की रात तकिए से उसका मुंह दबाकर हत्या कर दी गयी। बचने के लिए बीमारी का बहाना बना रहे हैं। उन्होंने दोनों को जल्द गिरफ्तार करने और सजा दिलाने की मांग की है।
पुलिस बता रही थी बीमारी से मौत, भड़के परिजन
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। लेकिन आरोपी संचालक को छोड़ दिया गया। पुलिस भी बिना जांच इसे बीमारी से हुई मौत बता रही है। जैसे घरवालों को ये जानकारी मिली की पुलिस ने आरोपी स्कूल मालिक को क्लीनचिट दे दिया है। वे भड़क उठे। दर्जनों महिलाएं सड़क पर बैठ गयीं और जाम लगा दिया। नाराज लोग आरोपी से पुलिस की मिलीभगत का आरोप लगा रहे थे। लोग हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। जाम लगते ही बड़ी गाड़ियों की आवाजाही रूक गयी। लोग प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। सूचना पाकर थानाध्यक्ष राजेश मालाकार, सीओ और बीडीओ वहां पहुंचे और लोगों को समझाया। परिजन को आरोपियों के खिलाफ आवेदन देने को कहा गया। जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर करायी गयी। करीब चार घंटे तक जाम रहने से यात्री परेशान हो गये।