राजगीर नगर पंचायत के मुख्य पार्षद उर्मिला देवी की कुर्सी चली गई है. मुख्य पार्षद उर्मिला देवी के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए गए थे और उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए गए थे।
अविश्वास प्रस्ताव पारित
मुख्य पार्षद उर्मिला देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में कुल 14 मत पड़े। वहीं मुख्य पार्षद के पक्ष में एक भी मत नहीं पड़े। जिसके बाद उन्हें पदमुक्त कर दिया गया। इसकी पूरी प्रक्रिया कार्यपालक पदाधिकारी पुष्पांकर की उपस्थिति में संपन्न हुई।
क्या है आरोप
पार्षद पंकज कुमार यादव ने कहा कि मुख्य पार्षद ने अपने कार्यकाल में बोर्ड की बैठक नहीं की। इसी प्रकार से वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट निर्धारित समय से नौ माह बीत जाने के बाद भी पास नहीं होने पर भी पार्षदों को आपत्ति थी। पार्षदों ने कहा कि मुख्य पार्षद उर्मिला देवी के कार्यकाल में विकास का एक भी कार्य नहीं हुआ।
अविश्वास प्रस्ताव का किसने किसने किया समर्थन
अविश्वास प्रस्ताव में पार्षद डॉ. अनिल कुमार, पंकज कुमार यादव, मीरा कुमारी, विकास कुमार कुशवाहा, सुबेन्द्र राजवंशी, साधना देवी, मुन्नी देवी, ज्योति देवी, रमेश राजवंशी, बिरजु राजवंशी, सावित्री देवी, रूक्मणी देवी, ज्योति देवी, उमेश रजक मौजूद थे। आपको बता दें कि इससे पहले भी 20 मार्च को आठ पार्षदों ने मुख्य पार्षद के खिलाफ अविश्वास जताया था। लेकिन लॉकडाउन के कारण पहले निर्धारित दो तिथियां स्थगित करनी पड़ी थी।