नालंदा जिला में छापेमारी करने गई पुलिसवालों की जान उस समय सांसत में फंस गई। जब गांववालों ने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया। मामला नालंदा जिला के कतरीसराय थाना के बरीठ गांव की है । जहां साथियों को छुड़ाने के लिए साइबर ठगों ने पुलिस पर जमकर रोड़ेबाजी कर दी। पथराव की वजह पुलिस को पीछे हटना पड़ा और छापेमारी रोकनी पड़ी।
क्या है पूरा मामला
कतरीसराय पुलिस को सूचना मिली थी कि बरीठ गांव में कुछ लोग ठगी का धंधा कर रहे हैं। सूचना मिलने पर पुलिस छापेमारी करने बरीठ गांव पहुंची। पुलिस ने छह धंधेबाजों को रंगे हाथ दबोच लिया। गिरफ्तार ठगों में बरीठ गांव के रहने वाले टुन कुमार, चन्द्रशेखर आजाद, सौरव कुमार, राजेश कुमार, निरंजन कुमार और छबिलापुर थाना के मखदुमपुर गांव के रहने वाले छोटे महतो शामिल हैं। इनके पास से 10 मोबाइल, एक लैपटॉप और ग्राहकों के नाम-पता लिखी सूची बरामद की गयी ।
गिरफ्तारी के बाद उग्र हुए गांव वाले
ठगों के गिरफ्तारी खबर जैसे ही गांव वालों की मिली। बड़ी संख्या में गांव वाले वहां पहुंच गए। पहले तो गांव वालों और पुलिस के बीच तू-तू मैं-मैं होता रहा । गांव वाले आरोपियों को छोड़ने की मांग कर रहे थे । लेकिन पुलिस का कहना था कि कानून अपना काम कर रही है। इस बीच भीड़ उग्र हो गई और पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया । रोड़ेबाजी की वजह से पुलिसवालों को पीछे हटना पड़ा ।
ठगी का अड्डा बना बरीठ गांव
नालंदा जिला का बरीठ गांव ठगों का अड्डा बन गया है। गांव के आसपास बगीचे और दूसरे स्थानों पर सुबह से ही दर्जनों ठग इक्ठा हो जाते हैं। और फोन पर शिकार ढूढने लगते हैं। ये लोगों को फोन कर कर उन्हें चेहरा पहचानो-इनाम पाओ, ऑनलाईन शॉपिंग, प्रतियोगिता परीक्षाओं में नंबर बढ़वाने आदि की लालच देते हैं। एक बार शिकार फंस गया तो उससे खर्चे के नाम पर खाते में रुपया ट्रांसफर करवाते हैं। रुपया मिलते ही वो नंबर बंद कर देते हैं। तब जाकर शिकार को ठगी का पता चलता है।