मुखिया पर अक्सर कमीशनखोरी का आरोप लगता है। इसके बावजूद वो निगरानी विभाग के रडार पर नहीं होता है। लेकिन इस बार मुखिया जी अपनों के ही जाल में फंस गए। निगरानी विभाग ने मुखिया को 50 हजार रुपए की कमीशनखोरी करते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया है।
क्या है मामला
राजगीर में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक मुखिया को कमीशन लेते गिरफ्तार किया गया. पथरौरा पंचायत के मुखिया अनुज कुमार चौधरी को कोर्ट ने जेल भेज दिया है.
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कैसे जाल में फंसा मुखिया
राजगीर के छबिलापुर थाना के दुहई-सुहई के वार्ड सदस्य रंजीत कुमार ने कमीशनखोर मुखिया की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया. पथरौरा के मुखिया अनुज चौधरी ने वार्ड सदस्य से 10 फीसदी कमीशन मांगा था. तब बिल पास कराने की बात कही थी. दरअसल, रंजीत कुमार ने पथरौरा पंचायत में सात निश्चय योजना के तहत करीब साढ़े पांच लाख रुपये का निर्माण कार्य किया था। मुखिया बिल पास करने के लिए दस प्रतिशत के हिसाब से 55 हजार रुपये मांग रहे थे।
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वार्ड सदस्य ने निगरानी से की शिकायत
कमीशनखोरी से परेशान वार्ड सदस्य ने इसकी शिकायत निगरानी विभाग में की। शिकायत के बाद एक टीम का गठन किया गया। जांच के दौरान आरोप सही पाए गए। राजगीर प्रखंड कार्यालय परिसर में बने मनरेगा ऑफिस की सामान्य शाखा में मुखिया 50 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गये। जिसे निगरानी की टीम अपने साथ पटना ले गए और बाद में कोर्ट ने जेल भेज दिया
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वार्ड सदस्यों ने आंदोलन भी किया था
मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी सात निश्चय योजना में कमीशनखोरी को लेकर राजगीर प्रखंड के वार्ड सदस्य पहले से परेशान हैं. वार्ड सदस्यों ने इसके लिए कई बार आंदोलन भी किया है. लेकिन कभी भी आरोपी मुखिया पर कार्रवाई नहीं हुई थी. ऐसे में वार्ड सदस्य रंजीत कुमार ने अच्छी पहल की है. समाज से भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए ऐसे काम की सराहना करनी चाहिए