दुनिया भर में आकर्षण का केंद्र बन चुका दिल्ली के लोटस टेंपल की तर्ज पर अब बिहार में भी लोटस टेंपल का निर्माण किया जा रहा है . ये देश का दूसरा और बिहार का पहला लोटस टेंपल होगा.
बिहारशरीफ में बन रहा है लोटस टेंपल
देश का दूसरा और बिहार का पहला पहाड़ी मंदिर बिहारशरीफ प्रखंड के हरगांवा गांव में बन रहा है। हरगांवा में बनने वाला बहाई मंदिर विश्व का छठा उपासना गृह होगा। पूरी दुनिया में बहाईयों के पांच उपासना स्थल हैं। बिहार का यह पहला है जहां सभी धर्म, सम्प्रदाय, क्षेत्र के लोग अपने इष्ट के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए प्रार्थना, इबादत कर सकेंगे।
साल 2012 में हुई थी घोषणा
इस उपासना गृह के डिजाइन का अनावरण भारत के बहाईयों की राष्ट्रीय आध्यात्मिक सभा नई दिल्ली द्वारा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से की गयी है। इस उपासना गृह की घोषणा साल 2012 में हाइफा इजराइल स्थित बहाईयों की सर्वोच्च संस्था विश्व न्याय मंदिर द्वारा की गयी थी जो अब मूर्त रूप लेने वाला है।
उपासना गृह का निर्माण
सेवा और उपासना के कल्चर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह बहाई उपासना गृह बनाया जा रहा है। यहां सभी धर्मों के लोग जीवन, धर्म और और आध्यात्मक से जुड़े गुढ़ प्रश्नों का हल तलाशेंगे। गौरव, शांति और बेहतर वातावरण का यह उत्कृष्ट आध्यात्म स्थल होगा। बहाईयों के अनुसार सभी धर्मों की नींव और उद्देश्य भी एक ही प्रेम, शांति, एकता और सद्भाव स्थापित करना है।
स्पेश मेटर्स ने तैयार की है रुपरेखा
वर्तमान परिस्थिति में बिहारशरीफ में बनने वाला यह उपासना गृह और भी ज्यादा प्रासंगिक है। इसके निर्माण कार्य में शामिल होने वाले सभी लोगों की सुरक्षा, संरक्षा और स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखते हुए शीघ्र निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी। बता दें कि इसका डिजाइन दिल्ली की स्पेश मेटर्स नामक संस्था ने तैयार की है। इसमें स्थानीय संस्कृति एवं आध्यात्मिक पृष्ठभूमि का समावेश किया गया है।
मधुबनी कला का रखा जाएगा ख्याल
सेवा और उपासना का यह केन्द्र गुंवदनुमा होगा। गुंवद पर आकर्षक नक्काशी के साथ-साथ मधुबनी कला भी दिखने को मिलेगी। इसके मेहरावों और डाटों की संरचना पंखों अथवा पत्तियों जैसे ताने-वाने का निर्माण व उनमें बने सुराक होंगे। जिससे दिन में प्रकाश के भीतर आने और रात में बाहर निकलने की सुविधा होगी। इस उपासना गृह के अनावरण और निर्माण कार्य शुरू होने की सूचना से बहाय समुदायों में काफी खुशी है।
करीब आठ एकड़ में होगा निर्माण कार्य
बिहार राज्य बहाई परिषद के सचिव ओम नम: शिवाय सिंह ने बताया कि करीब 8 एकड़ में निर्माण कार्य होना है। तालाब, गार्डेन आदि के लिए भी कुछ और जमीन ली जानी है। इस उपासना गृह के निर्माण के बाद विकास के अगले क्रम के अनुसार अस्पताल, औषधालय, वृद्धाश्रम, अनाथालयों के लिए विद्यालया, शिक्षा केन्द्र सहित कई लोकोपकारी संस्थाएं भी अस्तित्व में आ जायेगी। जब ये सारी संस्थाएं पूरी तरह धरातल पर काम करने लगेगी तो सेवा और उपासना की धारणा का इस उपासना गृह के निर्माण का उद्देश्य पूरा हो जायेगा।
यह संस्था प्रभु धर्म का शिक्षण, सामाजिक रूपांतरण एवं आध्यात्मिक प्रगति के आदर्शों को मृर्तिमान करेगी। क्योंकि सेवा एवं उपासना की शक्ति पर ही आत्मा की असीमित क्षमताओं का विकास और ईश्वर की अनंत उदार, कृपाओं का आकर्षण निर्भर करता है। मानव जाति के बीच शांति, एकता, बंधुता, सौहार्द एवं समरस्ता कायम करने की दिशा में यह उपयोगी साबित होगा।