बिहारशरीफ में दंगा की वजह से रामनवमी की शोभायात्रा पूरी नहीं हो पाई थी.. जिसके बाद एक बार फिर रामनवमी की शोभा यात्रा निकाली गई..
कहां से निकलती है शोभायात्रा
दरअसल, बिहारशरीफ में रामनवमी शोभा यात्रा का आयोजन पिछले कई सालों से होता आ रहा है। परंपरा के मुताबिक,भगवान राम सीता की प्रतिमा को बाबा मणिराम के अखाड़ा तक ले जाया जाए और वहां पूजन के बाद शोभायात्रा को समाप्त किया जाए।
अखाड़ा तक निकली शोभायात्रा
बिहारशरीफ के मोगलकुआं से बाबा मणिराम के अखाड़ा तक शोभायात्रा निकाली गई.. जिसमें भगवान राम और माता सीता की मूर्ति को ले जाया गया.. इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। नालंदा के डीएम शशांक शुभंकर और पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा भी भारी सुरक्षा बल के साथ मौजूद रहे।
मोगलकुआं से क्यों निकली शोभायात्रा
आपको बता दें कि दंगा की वजह से 31 मार्च को शोभायात्रा मणिराम अखाड़ा तक नहीं पहुंच पाई थी। जिसकी वजह से भगवान राम और सीता की मूर्ति को मुगल कुआं में पुलिस की देखरेख में रखा गया था जिसे आज भारी सुरक्षा के बीच बाबा मणिराम के अखाड़ा तक पहुंचाया गया। इस मौके पर विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अखाड़ा समिति के कई सदस्य मौजूद थे
एक महीने बाद क्यों निकली शोभायात्रा
बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद समेत कई अन्य संगठनों ने 31 मार्च को रामनवमी की शोभायात्रा निकाली थी.. लेकिन इस दौरान हिंसा हो गई.. शहर में दंगा भड़कने की वजह से यात्रा को बीच में स्थगित कर दिया गया था.. जिसके बाद आज दोबारा उस यात्रा को पूरा किया गया
दंगा के बाद लगा था कर्फ्यू
बिहारशरीफ में हिंसा के बाद दंगा भड़क गया था। जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी.. जबकि कई अन्य लोग घायल भी हुए थे.. जिसके बाद शहर में कई दिनों तक कर्फ्यू लगा रहा था.. साथ ही इंटरनेट सेवा भी बंद रही थी.. हालांकि, प्रशासन-पुलिस और स्थानीय लोगों की कोशिशों से जल्द ही हालात सामान्य हो गए थे । जिसके बाद आज अधूरी शोभायात्रा को पूरा किया गया।