जिला परिषद चुनाव- बरकरार रहा निर्मला सिंह और बुद्धन भाई का ताज

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शेखपुरा जिला परिषद अध्यक्ष निर्मला सिंह और उपाध्यक्ष रंजीत सिंह उर्फ बुद्धन भाई का ताज बरकरार रह गया। उनके खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया। बैठक में सात जिला परिषद सदस्यों में से सिर्फ तीन सदस्य ही शामिल हो सके जिससे जिला परिषद अध्यक्ष निर्मला सिंह और उपाध्यक्ष रंजीत सिंह उर्फ बुद्धन भाई की कुर्सी बरकरार रही।

अविश्वास प्रस्ताव पर अविश्वास

शेखपुरा में जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर ही सवाल खड़ा किया जा रहा है। अरियरी जिला परिषद सदस्य अनीता देवी और उनके पति दिलीप कुमार महतो ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही है। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले सदस्यों के ही बैठक से अनुपस्थित रहने के मामले में भी सवालिया निशान खड़ा किया। उन्होंने कहा कि बैठक  से अलग रहने को लेकर उन्हें भी पांच लाख का चेक दिया गया था।

इससे पहले अविश्वास प्रस्ताव को लेकर समाहरणालय स्थित सभागार में डीएम योगेंद्र सिंह की अध्यक्षता में बैठक शुरू की गई। जिसमें जिला परिषद अध्यक्ष निर्मला सिंह, अरियरी जिप सदस्या अनीता देवी और चेवाड़ा जिप सदस्य अजय कुमार के अलावा कोई अन्य जिला परिषद सदस्य नहीं पहुंचे। इस दौरान अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में एक वोट पड़े जबकि 2 वोट अमान्य घोषित किए गए।

गौरतलब है कि अध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में अनीता देवी, रूदल पासवान एवं सुंदर साहनी ने हस्ताक्षर किया था, लेकिन रुदल पासवान औऱ सुंदर साहनी सदस्य अनुपस्थित रहे। वहीं उपाध्यक्ष के विरुद्ध भी अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले 3 सदस्यों में जिप अध्यक्ष निर्मला देवी, सुंदर साहनी एवं रूदल पासवान थे।

वहीं, जिला परिषद अध्यक्षा निर्मला सिंह ने कहा कि अपने विवेक से सभी जिला परिषद सदस्य फैसला लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र थे। सदस्यों को किसी भी प्रकार का लालच ना तो दिया गया और ना ही खरीद फरोख्त की कोशिश की गई। उन्होंने अरियरी जिप सदस्य एवं उनके पति द्वारा लगाए गए आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया।

निर्वाचन अधिनियम के तहत की गई बैठक

इस पूरे मामले को लेकर डीएम योगेंद्र सिंह ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के पश्चात निर्वाचन अधिनियम के तहत बैठक की गई। जिसके पश्चात अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किया गया। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में अगर किन्हीं को कोई शिकायत है तो वह न्यायालय में जाने को स्वतंत्र हैं।

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