नालंदा जिला में कोरोना संक्रमण थमता नहीं दिख रहा है। एन्टीजन जांच में सीओ समेत 23 नए लोग संक्रमित पाए गए हैं। जिसके बाद नालंदा जिला एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 186 पहुंच गई है।
सीओ ऑफिस में हड़कंप
परबलपुर के सीओ कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं । जिसके बाद परबलपुर के सीओ दफ्तर में हड़कंप मचा है। सीओ को एक दिन पहले बुखार लगा था। जिसके बाद उन्होंने कोरोना का टेस्ट कराया। सीओ के पॉजिटिव होते ही प्रखंड एवं अंचल कर्मियों कोरोना जांच करायी। जिसमें सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। परबलपुर के प्रखंड के विसाई बिगहा गांव के माइक्रो कंटेन्मेंट जोन में स्थिति सामान्य रही।
कहां कितने मरीज मिले
नालंदा जिला में शनिवार को सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव पावापुरी के विम्स में मिले हैं। विम्स में 8 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। वहीं बिहारशरीफ में 3 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके अलावा हिलसा में 5, परबलपुर में 3,राजगीर, वेन, इस्लामपुर और सिलाव से 1-1 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं ।
अब तक 50 माइक्रो कंटेनमेंट
नालंदा जिला में अब तक कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 50 माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। लेकिन मरीजों पर नजर रखने के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है। कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने के बावजूद सदर अस्पताल में अभी भी लापरवाही जारी है। स्वास्थ्यकर्मियों को मास्क की आपूर्ति नहीं की जा रही है। मजबूरन एक सर्जिकल मास्क को भी दो-तीन दिन तक पहनना पड़ता है। वहीं पीपीई कीट पर्याप्त मात्रा में है। लेकिन सैम्पल लेने वाले स्वास्थ्य कर्मी पहनने को तैयार नहीं है।
लापरवाही पड़ेगी भारी
तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर सरकारी गाइडलाइन में यात्री वाहनों पर पचास फीसदी सीटें ही भरनी है। पर पटना, नवादा, बरबीघा जाने वाले वाहन इसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं। इसमें सिर्फ निजी नहीं बल्कि सरकारी वाहन बराबर के भागीदार हैं। बिहारशरीफ से हरनौत होते बेलछी-नदमा-सकसोहरा से बाढ़ तक जाने वाली सरकारी बस में सीट तो सीट यात्री खड़े होकर यात्रा कर रहे थे। अधिकांश के पास मास्क नहीं थे। ऐसे में सोशल डिस्टेंस की बात करना ही बेमानी कही जायेगी। वाहन की क्षमता से डेढ़ या दोगुना यात्री व सामान लोड किये बिना वाहन चालू ही नहीं होते हैं। इसके पीछे एजेंट, वाहन मालिक व चालक सबको अपनी कमाई की धुन है।