ट्रक और ट्रैवलर में भीषण टक्कर हुई है. जिसमें ट्रैवलर में सवार बिहार के पांच लोगों की मौत हो गई. जबकि 11 लोग जख्मी हो गए हैं . जिसमें 6 की हालत गंभीर बताई जा रही है. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया है। पुलिसकर्मियों ने गैस कटर से वाहन के हिस्सों को काटकर शवों को बाहर निकाला।
क्या है पूरा मामला
बिहार से 15 सवारियों को लेकर ट्रैवलर गाड़ी (एचआर 37 डी 4630) हरियाणा के अंबाला जा रही थी. ट्रैवलर जैसे ही गोंडा-बहराइच मार्ग पर पहुंची थी, तभी पयागपुर थाना क्षेत्र के सुकई पुरवा चौराहे के पास सड़क किनारे खड़े ट्रक से टक्कर हो गई। हादसे में ट्रैवलर के परखच्चे उड़ गए। ट्रैवलर सवार पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 लोग घायल हो गए।घायलों में छह की हालत गंभीर है
मरने वालों की शिनाख्त हुई
हादसे में मरने वाले सभी बिहार के रहने वाले हैं. उनकी पहचान सीवान जिले के हरिहरपुर लालगढ़ के ठेकेदार जितेंद्र गिरि (46), सीवान के जामु थाना क्षेत्र के मेघवार के रहने वाले संजय प्रसाद, कंचन राम, बसंत के रूप में हुई
घायलों में कौन-कौन
घायलों में सोमेश्वर प्रसाद, संजय प्रसाद, छोटेलाल, अखिलेश प्रसाद, अंजन कुमार समेत 11 लोगों को सीएचसी पयागपुर भेजा गया। डॉक्टर्स ने घायलों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। एसपी विपिन मिश्रा ने बताया कि हादसे में 5 लोगों की मौत हुई है। 11 लोग जख्मी हैं।
मुख्य ड्राइवर फरार, दूसरे की मौत
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ट्रैवलर की रफ्तार इतनी तेज थी कि किसी को संभलने का मौका नहीं मिला। संभवत: यह हादसा ड्राइवर को झपकी आने से हुआ है। गाड़ी चलाने वाला मुख्य ड्राइवर एक्सीडेंट होने के बाद भाग गया। जबकि सपोर्टिंग ड्राइवर की मौत हो गई। उसकी शिनाख्त गोंडा जिले के कौड़िया थाना क्षेत्र के सुगहिया गांव निवासी पवन कुमार (32) के रूप में हुई है।
गांव में फैला मातम
हरिहरपुर लालगढ़ पंचायत के पटना गिरी टोला में हादसे की खबर मिलने के बाद चीत्कार मच गई। गांव के जितेंद्र गिरी अंबाला में एक धागा फैक्ट्री में काम करते हैं। उन्हें फैक्ट्री के मालिक ने गाड़ी के साथ गांव से मजदूरों को लाने के लिए भेजा था। जितेंद्र रविवार को गांव आया और शाम को ही आसपास के गांव के 15 मजदूरों को अपने साथ लेकर निकल गया। जितेंद्र के 18 व 14 साल के दो बेटे (अमन तथा पवन) और 12 साल की बेटी प्रिया है। उनकी मौत की खबर आते ही गिरी टोला में चीख-पुकार मच गई।
10 हजार प्रतिमाह वेतन देने की हुई थी बात
हादसे में मेघवार गांव के दो अविवाहित युवक कंचन राम और बसंत प्रसाद की भी मौत हुई। कंचन के पिता जगजीतन राम ने कहा कि कोरोना के हल्ला भइल त हमार बेटा घर लउटल रहेल। इंहा काम नइखे मिलल त मजबूरी खातिर अंबाला जाए के लेल तइयार हो गइल। कहलक र कि 10 हजार रुपइया हर महीना मिलत। ओवरटाइम के पइसा अलग से मिलेला रहे। सबेरे पता चलल कि हमार लइका मर गइल। अब हम केकरा सहारे रहम। वहीं, बसंत प्रसाद के पिता सीताराम ने कहा कि हम त बेटा से कहनी कि दू-चार दिन रूक जा त उ कलहन की बहुत काम बा हम जात बानी। आज अइसन खबर मिलल बा।