नालंदा के जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने लापरवाह कर्मचारी और अफसरों पर बड़ी कार्रवाई की है । नालंदा के डीएम ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की. जिसमें खराब परफारमेंस वाले 15 पदाधिकारी कार्रवाई के चपेट में आ गये। तीन प्रखंड के बीसीएम को बर्खास्त करने का निर्देश दिया गया है। इस दौरान डीएम योगेंद्र सिंह ने संबंधित पदाधिकारियों की जमकर क्लास ली। साथ ही बेहतर काम करने वाले पदाधिकारियों को सराहा भी गया।
किसकी नौकरी गई
काम में लापरवाही के आरोप में जिन तीन लोगों की नौकरी गई है उसमें हरनौत, राजगीर और नूरसराय के बीएचएम शामिल हैं। डीएम ने इनके वेतन रोकने के साथ साथ सेवा मुक्त करने का आदेश भी दिया है. दरअसस, समीक्षा के दौरान गर्भवती महिलाओं के निबंधन की स्थिति असंतोषजनक पाई गई। निर्धारित लक्ष्य की तुलना में मात्र 29 प्रतिशत ही निबंधन हो पाया है। तीन प्रखंड की स्थिति काफी खराब पायी गयी। हरनौत में 14.8, राजगीर में 15.3 एवं नूरसराय में 15.9 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का ही निबंधन हो पाया है। जिसके बाद डीएम ने तीनों प्रखंडों के एमओअईसी पर शो कॉज करते हुए वेतन निकासी पर रोक लगा दी है। साथ ही तीनों प्रखंडों के बीएचएम को बर्खास्त कर दिया है .
किसके किसके वेतन रोके गए
नालंदा के डीएम ने गर्भवती महिलाओं का निबंधन कम होने पर हरनौत, राजगीर एवं नूरसराय के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों पर शो कॉज नोटिस जारी किया है. साथ ही वेतन रोकने का भी आदेश दिया है. इसके अलावा
बेन प्रखंड के बीएचएम और अकाउंटेंट के वेतन रोकने का निर्देश दिया है। दोनों पर आवश्यक प्रतिवेदन समय से उपलब्ध नहीं कराए जाने का आरोप है । ओपीडी संचालन में खराब प्रदर्शन रहने पर एकंगरसराय के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं बीएचएम का वेतन भी बंद कर दिया है। टीबी के मामलों को प्रतिवेदित करने में रहुई, परवलपुर और हरनौत की उपलब्धि शून्य पाई गई। इसके लिए तीनों प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है .
मोबाइल ऐप से बनेगी हाजिरी
स्वास्थ्य विभाग जुड़े सभी डॉक्टर एवं कर्मियों के बायोमैट्रिक अटेंडेंस सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल ऐप पर आधारित प्रणाली को लागू किया जाएगा। इस ऐप में जिओफेंसिंग सिस्टम रहेगा। ताकि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी घर बैठे हाजिरी नहीं बना सकें। डीएम ने कहा कि कभी-कभी कार्यालय देर से पहुंचने के कारण घर बैठे या जिस जगह पर गए हैं वहीं से उपस्थिति दर्ज करा देते थे। लेकिन अब उपस्थिति बनाते ही लोकेशन की भी जानकारी हो जाएगी।
हर प्रखंड में पांच सौ कार्ड बनाने का निर्देश
आयुष्मान भारत के तहत जिले में 2 लाख 68 हजार 125 परिवारों के 14 लाख 47 हज़ार 875 लोगों का गोल्डन कार्ड बनाया जाना है। अभी तक मात्र 1 लाख 79 हज़ार 571 यानी 12.4 प्रतिशत लोगों का गोल्डन कार्ड बनाया गया है। अभियान चलाने के बाद भी 1 सप्ताह में लगभग 14 हजार लोगों का गोल्डन कार्ड ही बन पाया है। डीएम ने प्रत्येक प्रखंड में प्रतिदिन कम से कम 500 लोगों का गोल्डन कार्ड बनाने का निर्देश सभी बीसीएम को दिया। साथ ही डीसीएम को प्रतिदिन सभी बीसीएम की समीक्षा कर प्रगति रिपोर्ट देने को कहा गया है।