बिहार में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है । निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के सहायक सचिव कर्मलाल को एक लाख रुपये रिश्वत लेते दबोच लिया। निगरानी टीम ने कर्मलाल के कंकड़बाग स्थित आवास की तलाशी भी ली। इस दौरान 30 लाखके किसान विकास पत्र समेत कई महत्वपूर्ण कागजात भी मिले हैं।
क्या है पूरा मामला
पटना के कंकड़बाग के लोहियानगर के रहने वाले गणेश कुमार ने निगरानी में शिकायत की थी. जिसमें उन्होंने कहा कहा था कर्मलाल राजकीय पॉलिटेक्निक छपरा और राजकीय पॉलिटेक्निक गया के पोर्टेबल केबिन के निर्माण के लिए जारी टेंडर में से तीन प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे हैं।
11 लाख 30 हजार की मांगी थी रिश्वत
राजकीय पॉलिटेक्निक छपरा और राजकीय पॉलिटेक्निक गया में पोर्टेबल केबिन के बनाने के लिए 3 करोड़, 77 लाख, 66 हजार रुपये का टेंडर निकला था, जिनमें 11 लाख, 32 हजार, 980 रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। उन्होंने एक बार में इतनी राशि देने में असमर्थता जताई थी और तत्काल एक लाख रुपये रिश्वत लेकर बाद में किस्तवार रिश्वत की राशि देने का वादा किया था।
निगरानी ने जाल बिछाकर गिरफ्तार किया
निगरानी ब्यूरो ने शिकायत मिलने पर पहले जांच की औऱ पाया कि आरोपी द्वारा एक लाख रुपये की रिश्वत मांगने का प्रमाण सही पाया गया है। इसके बाद पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार के नेतृत्व में एक धावा दल गठित किया गया। फिर धावा दल ने जाल बिछाया और बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम कार्यालय में एक लाख रुपये रिश्वत लेते सहायक सचिव कर्मलाल को दबोच लिया
कभी बोलती थी कर्मलाल की तूती
निगरानी टीम ने देर रात तक आरोपी कर्मलाल के कंकड़बाग आवास की तलाशी ली। तलाशी के दौरान निगरानी टीम को एक बंडल किसान विकास पत्र (करीब 30 लाख रुपये का), दर्जनों बैंक पासबुक, जमीन और निवेश के कई कागजात मिले हैं। कर्मलाल उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं, लेकिन पटना में लंबे समय तक थाना प्रभारी रहे हैं। पटना के एक पूर्व एसएसपी (जो अभी डीजी रैंक में हैं) के कार्यकाल में कर्मलाल की तूती बोलती थी। कर्मलाल बिहार पुलिस के डीएसपी पद से सेवानिवृत्त हुए थे।