
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गूगल विकिपीडिया पेज हैक कर लिया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गूगल विकिपीडिया पेज पर 2004 में बिहार के विकास कार्यों की स्थिति क्या थी और 16 साल बाद 2020 में विकास कार्यों की स्थिति क्या है, इसका तुलना कर एडिट किया गया है. 16 साल पहले बिहार के लोग किस तरह से परेशान थे और अब भी उनकी परेशानी क्या है उनकी विकिपीडिया पेज पर लिखी गयी हैं. वहीं औरों से भी इस बारे में लिखने का आग्रह किया गया है.
बता दें कि किसी का भी विकिपीडिया पेज पर कोई भी व्यक्ति एडिट कर सकता है और कुछ भी लिख सकता है. नीतीश कुमार 2005 में बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गूगल विकिपीडिया पर लिखा गया है कि 15 साल के सुशासन में बदला क्या है…? इसके बाद आगे लिखा गया है कि ई पोस्ट कोई नीतीश जी को पढ़ा दे तो उनका रिएक्शन बिल्कुल ऐसा ही होगा, इसके बाद आगे लिखा है कि 2004 में जो स्थिति थी वही स्थिति 16 साल बाद भी है. 2004 में बिहार की खेती की हालत बिल्कुल खराब थी, कृषि किसानों के लिये एक बोझ बनकर रह गई थी. 2020 में बिहार में खेती की हालत खराब है. सिंचाई-खाद-उन्नत बीज-जानकारी आदि के अभाव में कृषि किसानों के लिए एक बोझ बनकर रह गयी है. उसके बाद आगे लिखा हुआ है की बाकी क्षेत्र में आप भी कंपेयर कीजिए कि 15 साल के शासन में बदला क्या है.
इस तरह से गूगल विकिपीडिया में 2004 और 2020 का किया गया है तुलना
इसके बाद आगे लिखा है कि 2004 में बिहार में भयंकर बेरोजगारी थी, रोजगार के अभाव में लोग दिल्ली-मुंबई पलायन कर रहे थे. 2020 में बिहार में भयंकर बेरोजगारी है, रोजगार के अभाव में लोग दिल्ली-मुंबई पलायन कर रहे हैं. 2004 में बिहार में चीनी मिल-पेपर मिल-सूत मिल-जुट मिल-खाद मिल समेत तमाम पुराने उद्योग-मिल बंद पड़े थे. किसी प्रकार की कोई नयी इंडस्ट्री बिहार आने को तैयार नहीं थी. 2020 में बिहार में चीनी मिल-पेपर मिल-सूत मिल-जुट मिल-खाद मिल समेत तमाम पुराने उद्योग-मिल बंद पड़े हैं.
किसी प्रकार की कोई नयी इंडस्ट्री बिहार आने को तैयार नहीं है. 2004 में बिहार में शिक्षा का हाल बुरा था. स्कूलों में शिक्षक नहीं थे, कॉलेजों में क्लासेज नहीं चलती थी, विश्वविद्यालयों में 75% पद खाली पड़े थे और सेशन कभी समय पर कम्प्लीट नहीं होता था. 2020 में बिहार में शिक्षा का हाल बुरा है. स्कूलों में शिक्षक नहीं है, कॉलेजों में क्लासेज नहीं चलती है, विश्वविद्यालयों में 75% पद खाली पड़े है और सेशन कभी समय पर कम्प्लीट नहीं होता है. 2004- में बिहार में स्वास्थ्य का हाल बुरा था. अस्पतालों में कुव्यवस्था फैली हुई थी, छोटी-मोटी बीमारियों के लिए भी लोगों को दिल्ली-मुंबई जाना पड़ता था. 2020- बिहार में स्वास्थ्य का हाल बुरा है. अस्पतालों में कुव्यवस्था फैली हुई है, छोटी-मोटी बीमारियों के लिए भी लोगों को दिल्ली-मुंबई जाना पड़ता है.
2004 में बिहार में पलायन मजबूरी थी और अब भी है…
2004- अपराध में बिहार अव्वल था. हत्या-चोरी-बलात्कार-अपहरण आदि रोजाने की घटनाएं थी. कानून व्यवस्था बनाने में पुलिस नाकाम और असमर्थ थी. 2020- अपराध में बिहार अव्वल है. हत्या-चोरी-बलात्कार-अपहरण आदि रोजाने की घटनाएं है. कानून व्यवस्था बनाने में पुलिस नाकाम और असमर्थ है. 2004 में बिहार में पलायन मजबूरी थी. रोजगारी-कुपोषण-गरीबी-अशिक्षा आजादी के कारण बिहार एक बीमार राज्य माना जाता था. जीडीपी के हिसाब से बिहार भारत का सबसे गरीब राज्य था. दूसरे राज्यों में बिहारी शब्द एक गाली जैसे प्रयुक्त होता था, पलायन करके गए लोगों को वहां गाली-मार-अपमान सहना पड़ता था. 2020 में बिहार में पलायन मजबूरी है. बेरोजगारी-कुपोषण-गरीबी-अशिक्षा आजादी के कारण बिहार एक बीमार राज्य माना जाता है.
जीडीपी के हिसाब से बिहार भारत का सबसे गरीब राज्य है. दूसरे राज्यों में बिहारी शब्द एक गाली जैसे प्रयुक्त होता है, पलायन करके गए लोगों को वहां गाली-मार-अपमान सहना पड़ता है. 2004 में हर साल बिहार में बाढ़ आती थी, सैकड़ों लोग मरते-दहते थे. राज्य सरकार इन आपदाओं को झेलने या उसके स्थायी समाधान खोजने में असमर्थ थी. 2020- हर साल बिहार में बाढ़ आती है, सैकड़ों लोग मरते-दहते है. राज्य सरकार इन आपदाओं को झेलने या उसके स्थायी समाधान खोजने में असमर्थ है.