बिहार विधानसभा चुनाव में खून खराबे का दौर शुरू हो गया है. चुनाव प्रचार के दौरान बदमाशों ने एक उम्मीदवार को सरेआम भून डाला. इस दौरान प्रत्याशी के एक और समर्थक की मौत हो गई. जबकि उनके दो समर्थक गंभीर रूप से जख्मी हैं.
क्या है पूरा मामला
मामला शिवहर जिले की है. बताया जा रहा है कि शिवहर से जनता दल राष्ट्रवादी के प्रत्याशी श्रीनारायण सिंह जनसंपर्क अभियान पर थे. वे पूरनहिया थाना क्षेत्र के हथसार गांव में लोगों से मिल रहे थे. तभी अपराधियों ने उन्हें घेर कर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. अपराधियों ने श्रीनारायण सिंह को पूरी तरह गोलियों से छलनी कर दिया. जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गयी.
लोगों ने एक आरोपी को मार डाला
अपराधियों ने श्रीनारायण सिंह के साथ साथ उनके तीन समर्थकों को भी गोलियां मारी गयी. गोली से घायल एक समर्थक की इलाज के लिए ले जाते वक्त मौत हो गयी. जबकि दो की हालत गंभीर है. वहीं लोगों ने पीट-पीटकर एक आरोपी को मार डाला है. हालांकि इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है
श्रीनारायण का आपराधिक रिकॉर्ड
श्रीनारायण सिंह पर 6 केस हैं। अवैध हथियार रखने के मामले में उन्हें दो साल की सजा भी हो चुकी है। वे शिवहर के नया गांव के रहने वाले थे। नयागांव पंचायत से मुखिया और डुमरी कटसरी से जिला परिषद के सदस्य भी रह चुके थे।
आरजेडी छोड़कर लड़े चुनाव
श्रीनारायण आरजेडी के जिला उपाध्यक्ष थे। माना जा रहा था कि इस बार शिवहर से उन्हें आरजेडी का उम्मीदवार बनाया जाएगा, लेकिन उनको टिकट नहीं मिला। इससे नाराज होकर श्रीनारायण सिंह ने आरजेडी छोड़ दी और जनता दल राष्ट्रवादी की टिकट पर चुनाव में उतरे थे। ये पार्टी पूर्व सांसद रंजन यादव ने बनाई है, जो कभी लालू के करीबियों में थे और बाद में लालू यादव को ही पाटलीपुत्र लोकसभा सीट से हराया भी था।
किस पर लग रहे आरोप?
हत्या के पीछे दो वजहें सामने आ रही हैं। सहरसा के बाहुबली आनंद मोदन पर श्रीनारायण सिंह की हत्या का आरोप लग रहा है। कहा जा रहा है कि उनके बेटे चेतन आनंद को जिताने के लिए हत्या करवाई गई है। हालांकि, श्रीनारायण सिंह का भी आपराधिक इतिहास है और वे संतोष झा और मुकेश पाठक गैंग से भी संबंधित रहे हैं। दोनों के बीच कई बार दोस्ती और दुश्मनी हो चुकी है। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि हत्या के पीछे इस गैंग का भी हाथ हो सकता है।