बिहार वालों के लिए अच्छी और बड़ी खबर है। बिहार में पहली बार कोयले का बड़ा भंडार मिला है। यानि बिहार में कोयले का खदान मिला है । जिसमें जल्द ही खुदाई का काम शुरू होगा
मंदार गांव में मिला खदान
ये कोयले का खदान भागलपुर के पीरपैंती के पास मंदार गांव में मिला है। रिपोर्ट के मुताबिक इसमें 230 मिलियन टन कोयले का भंडार है। इसका उत्खनन साल 2026 से शुरू हो जाएगा। जिसमें हर साल 60 मिलियन टन कोयले का उत्खनन हो सकता है। कोयला खनन की जिम्मेदारी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड यानि बीसीसीएल को सौंपी गई है। उत्पादन के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। इसके अलावा पास के गांव मिर्जापुर में भी खुदाई हो रही है। वहां भी करीब तीन-चार सौ मिलियन टन कोयला मिलने का अनुमान है।
बिहार की होगी पहली कोयला खदान
ब्रजकिशोर बिंद के मुताबिक ये बिहार की पहली कोयला खदान होगी। इसके लिए विभाग के स्तर पर काफी काम हो चुका है। खदान के ऊपर 90 मीटर मिट्टी की मोटी परत है। खनन के लिए 340 मीट्रिक टन मिट्टी और 105 मीट्रिक टन कमजोर बालू की परत को हटाना होगा। मिट्टी और बालू की जांच की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि इन्हे कैसे इस्तेमाल में लाया जाए। इसके लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है।
बिजलीघरों में किया जा सकता इस्तेमाल
खान एवं भूतत्व मंत्री ब्रजकिशोर बिंद एवं निदेशक अरुण प्रकाश ने बताया कि झारखंड के साहेबगंज जिले से सटे बिहार के मंदार गांव के आसपास मौजूद कोयले का ग्रेड जी-12 उपलब्ध है। इसे अच्छी क्वालिटी का कोयला माना जाता है। इसका इस्तेमाल बिहार के बिजलीघरों में किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल के लिए बिहार में बिजली उत्पादन का प्रोजेक्ट लगाने का सुझाव भी आया है। अगर ऐसा हुआ तो बिजली घरों को सस्ता कोयला मिलेगा। बिहार को बिजली भी सस्ती मिल सकती है।