हथियार के बल पर पैसेंजर ट्रेन में यात्रियों से लूटपाट.. पुलिसवाले को भी नहीं छोड़ा

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ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवालिया निशान उठ खड़ा हुआ है। हथियार से लैस बदमाशों ने गया-जमालपुर पैसेंजर ट्रेन में डकैती की घटना को अंजाम दिया। इस दौरान लूटपाट की वारदात में पुलिस कांस्टेबल अभिषेक के परिवार सहित आधा दर्जन से अधिक यात्रियों को लूट का शिकार बनाया। इस घटना क्रम में कोच नंबर 10354 में मौजूद यात्री पूरी तरह से सहमे रहे। चंद मिनट के भीतर यात्रियों से लूटपाट की घटना को अंजाम देने के बाद लूटेरे ट्रेन से उतर गए।

आधे दर्जन की संख्या में घुसे थे लुटेरे
कॉन्स्टेबल अभिषेक ने बताया कि वो लखीसराय जिले के पुलिस केंद्र में कार्यरत है और अपनी पत्नी के साथ गया से लखीसराय लौट रहे थे। लूटपाट की इस घटना को अंजाम शेखपुरा से सटे काशीचक स्टेशन से कुछ दूर पहले तकरीबन 3:30 बजे सुबह बागी बरडीहा हॉल्ट पर दिया गया। जिसके बाद करीब आधे दर्जन की संख्या में लूटेरे उनकी बोगी में घुस गए और लूटपाट मचाने लगे।

सूचना के बावजूद तुरंत नहीं होती है कार्रवाई
इस मामले को लेकर सबसे बड़ी गंभीर बात यह भी है कि सूचना के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी त्वरित कोई कदम नहीं उठाना चाहते। काशीचक पहुंचने के बाद वहां मौजूद किसी अधिकारी से शिकायत करने पर पीड़ितों को शेखपुरा पहुंचने के बाद लिखित आवेदन जीआरपी ओपी में देने की सलाह दी गई। शेखपुरा पहुंचकर जब आवेदन सौंपा गया। ऐसे में आखिर यात्री लूट की घटना के बाद अपने गंतव्य स्थल की ओर निकलेंगे या फिर विभिन्न स्टेशन पर रुक कर इस प्रकार की शिकायत दर्ज कराते रहेंगे, यह भी सोचनीय है।

जीआरपी पुलिस आवेदन लेने से करने लगे आनाकानी
पीड़ित ने बताया कि घटना के बाद जैसे ही ट्रेन शेखपुरा स्टेशन पहुंचा तो लूट के शिकार हुए सभी यात्री जीआरपी पुलिस को सुचना दिया। लेकिन जीआरपी पुलिस आवेदन लेने में आनाकानी शुरू करने लगा और फिर अपने मनमाफिक आवेदन लिखकर देने को कहा। जब लोगों ने विरोध जताया तो पुलिस ने आवेदन ले लिया, लेकिन उसकी रिसीविंग कॉपी वाट्सएप पर भेजने की बात कही।

नकदी सहित महिला के गहने भी छीने
पीड़ित ने बताया कि घटना के दौरान कोच में रौशनी भी बहुत कम था एवं यात्रियों की संख्या भी कम थी। इस दौरान अधिकांश यात्री सो रहे थे। लुटेरे ने कोच में घुसते ही यात्रियों को जगा कर लूटपाट शुरू कर दी। इस दौरान अपराधी हथियार की नोक पर यात्रियों को रूपए पैसे व अन्य कीमती सामान निकालने को कहा। पुलिस कांस्टेबल ने बताया कि उनकी पत्नी रॉकी कुमारी के गहने भी अपराधियों ने छीन लिया, जबकि उनके पास से भी नगदी एवं अन्य सामानों को लूट लिया। इसके अलावा जमुई जिले के धीरेंद्र प्रसाद, दो छात्र सहित अन्य लोगों से नकदी मोबाइल, बैग लूट लिया। ट्रेन खुलते ही अपराधी कोच से नीचे उतर कर भाग निकले

ट्रेन में डकैती के लिए आखिर कौन जिम्मेवार
इस पूरे घटनाक्रम ने ट्रेन में रात्रि में यात्रा के दौरान विधि व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है।इस वारदात के दौरान अगर यात्रियों द्वारा किसी प्रकार का विरोध किया जाता तो फिर निश्चित तौर पर कोई बड़ी घटना को भी अंजाम दिया जा सकता था। बहरहाल इस घटनाक्रम को देखा जाए तो निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि रात्रि में ट्रेनों में सफर करना कितना खतरनाक साबित हो सकता है

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