बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जीतनराम मांझी को बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने उनका ‘टेलीफोन’ जब्त कर लिया है. माना जा रहा है कि जीतनराम मांझी महागठबंधन को छोड़कर एनडीए का दामन थामने वाले हैं.
चुनाव चिन्ह टेलीफोन जब्त
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) में जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) का चुनाव चिन्ह बदला नजर आएगा. निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने नियमों के हम के चुनाव चिन्ह को टेलीफोन को जब्त कर लिया है.
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क्यों जब्त हुआ टेलीफोन
दरअसल, अगर किसी चुनाव में चार प्रतिशत वोट या दो सीटें नहीं मिलती हैं तो उस राजनीतिक पार्टी का चुनाव चिन्ह खत्म कर दिया जाता है. इसके बाद यह चुनाव चिन्ह किसी दूसरे पार्टी को दिया जा सकता है. इस लिहाज से जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रदर्शन को अगर पिछले चुनाव में देखा जाए तो न तो उन्हें दो सीटें मिलीं और ना ही चार प्रतिशत मतदान. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को पिछले चुनाव में महज 2.3 से तीन प्रतिशत ही मत मिले थे जिसके कारण उन्हें अपना चुनाव चिन्ह खोना पड़ा.
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कप प्लेट मिल सकता है
बताया जा रहा है कि जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नया चुनाव चिन्ह देने का आवेदन दिया है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने कप-प्लेट चुनाव चिन्ह मांगी है ताकि इसी चुनावी निशान पर वो आगामी बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ सके.
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मांझी ने क्या कहा
जीतन राम मांझी ने कहा कि हमारी बदकिस्मती रही कि पिछले चुनाव में जरूरत के मुताबिक वैसा प्रदर्शन नहीं कर सके जिससे कि चुनाव चिन्ह बच सके. जीतन मांझी ने यह भी कहा टेलीफोन चुनाव चिन्ह के कारण हमारे ग्रामीण मतदाताओं में थोड़ी उलझन थी. इस चुनाव चिन्ह को समझने में ग्रामीण लोगों को परेशानी हो रही थी इसलिए नया चुनाव चिन्ह मिलने से लोगों को हमें समझने में आसानी होगी.