बिहार में एक के बाद एक फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है.. अब एक फर्जी दारोगा पकड़ा गया है। जिसका नाम विपुल कुमार है.. खास बात तो ये है कि वो पुलिसवालों को भी हड़काने से नहीं चुकता था.. दारोगा की दो स्टार वाली वर्दी.. बुलेट की सवारी और सिंघम स्टाइल में शहर में घुमता था.. वर्दी का रौब दिखाकर वसूली भी करता था।
लोगों से करता था वसूली
पुलिस ने जिस फर्जी दारोगा को गिरफ्तार किया है.. वो लोगों को लाखों का चूना लगा चुका है। किसी को पैरवी के नाम पर तो किसी को नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से वसूली करता था। वो लोगों को धौंस भी दिखाता था। जिस फर्जी दारोगा का गिरफ्तार किया गया है। वो राजधानी पटना के पॉश इलाके में रहता था।
कैसे पकड़ा गया फर्जी दारोगा?
विपुल कुमार पासवान लोगों को बताता था कि वो एडीजी ऑफिस में पोस्टेड है। इसी के नाम पर लोगों को झासा देता था.. पिछले छह महीने से पटना के रामकृष्णा नगर में किराए पर रहता था। शुरू में तो मकान मालिक को किराया दिया। लेकिन बाद में किराया देने से मना कर दिया। और दारोगा का धौंस दिखाने लगा।
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मारपीट के बाद गिरफ्तारी
जिसके बाद मकान मालिक दुर्गा यादव ने रामकृष्णा नगर थाने में शिकायत की.. इस दौरान रामकृष्णा नगर के थाना इंचार्ज ने आरोपी दारोगा से फोन पर बात की। बात करने के दौरान थाना इंचार्ज को शक हुआ और फिर वो वहां खुद पुलिस की टीम को लेकर पहुंचे। आरोपी को थाने लाया गया। जहां डीएसपी ने पूछताछ की तो पूरी सच्चाई सामने आ गई।
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अब जांच में जुटी पुलिस
पुलिस जांच में ये बात सामने आई कि वो ना तो पुलिस विभाग में पदस्थापित है.. और ना ही उसके कोई दूर का रिश्तेदार पुलिस विभाग में है.. ऐसे में पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि उसके पास दारोगा का वर्दी आया कहां से और धौंस दिखाकर अब तक कितने लोगों को ठगा है। फर्जी दारोगा विपुल पासवान दरभंगा के बहादुरपुर का रहने वाला है । उसके पिता का नाम रामविलास पासवान है